मंडला: पब्लिक ट्रस्ट को अपनी प्रॉपर्टी बना कर बेशकीमती जमीन बेचने रची गई साजिश

  • मेहेर बाबा ट्रस्ट की ‘दान की जमीन’ के सौदे के खिलाफ खुलकर सामने आए पूर्व ट्रस्टी
  • पूरी साजिश जनहितार्थ उपयोग की जाने वाली बेशकीमती जमीन की सौदेबाजी के लिए की गई।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-17 08:45 GMT

डिजिटल डेस्क,जबलपुर/मंडला। धर्मार्थ कार्योँ, चिकित्सा, शिक्षा, राहत व जरूरतमंदों की मदद के लिए ‘मेहेरबाबा चेरिटेबल ट्रस्ट’ (मंडला) की मिल्कियत में शामिल 27 एकड़ से अधिक की जमीन निजी हित-लाभ के लिए बेचने ट्रस्ट के प्रबंधक धीरेन्द्र चौधरी ने साजिश रची और इसमें उनका साथ एम.एस. ईरानी (मेहेरबाबा) की अहमदनगर वाली संस्था ‘श्री अवतार मेहेरबाबा परपीचूअल पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट’ ने दिया।

पूरी साजिश जनहितार्थ उपयोग की जाने वाली बेशकीमती जमीन की सौदेबाजी के लिए की गई। इसके लिए मंडला ट्रस्ट के प्रबंधक धीरेन्द्र चौधरी ने पब्लिक ट्रस्ट के रूप में 1949 में रजिस्टर्ड ‘मेहेरबाबा चेरिटेबल ट्रस्ट’ को न ‘पब्लिक’ और न ‘प्राइवेट’ रहने दिया।

इसे अपनी निजी प्रॉपर्टी या यूँ कहें कि ‘पॉकेट ट्रस्ट’ बना रखा था। यह आरोप ‘मेहेरबाबा चेरिटेबल ट्रस्ट’ (मंडला) के 18 जून 2018 से 3 जून 2024 तक सदस्य रहे शैलेन्द्र चौधरी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में लगाए।

श्री शैलेन्द्र ने इसी तरह के आरोप एसडीएम मंडला के सामने पब्लिक ट्रस्ट की मिल्कियत वाली खसरा नंबर 157 तथा 159 की खरीद-फरोख्त तथा दान प्रक्रिया के खिलाफ प्रस्तुत अपील-आपत्ति में भी लगाए हैं।

वे प्रबंधक थे, जमीन के मालिक नहीं

शैलेन्द्र ने कहा, धीरेन्द्र चौधरी मंडला ट्रस्ट के प्रबंधक थे न कि इसकी 27 एकड़ जमीन के मालिक। उनकी भूमिका ट्रस्ट के उद्देश्यों तथा मेहेरबाबा के सद्कार्यों को आगे बढ़ाते हुए ट्रस्ट की मिल्कियत के रक्षक की थी लेकिन उन्होंने सौदागर बन कर, ट्रस्ट की जमीन निजी हित और स्वार्थ के लिए खुर्द-बुर्द कर दी।

ट्रस्ट भी मनमर्जी से चलाया। न उन्होंने 1949 में पब्लिक ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत ‘मेहेरबाबा चेरिटेबल ट्रस्ट’ का नए पब्लिक ट्रस्ट एक्ट के तहत पंंजीयन कराया, न ‘बायलॉज’ के तहत अपने अब तक के कार्यकाल में 3 ट्रस्टी नियुक्त किए। इसके आय-व्यय का लेखा-जोखा भी नहीं रखा। जून 2018 में मेरी नियुक्ति भी शायद उन्होंने अपने निजी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ही की थी, तभी तो जमीन की खरीद-फरोख्त की प्रकिया पूरी होते ही मुझे जून 2024 में ट्रस्ट से हटा दिया।

अहमदनगर ट्रस्ट पर भी लगाए आरोप

मंडला ट्रस्ट के पूर्व सदस्य शैलेन्द्र चौधरी ने एम.एस. ईरानी की अहमदनगर वाली संस्था ‘श्री अवतार मेहेरबाबा परपीचूअल पब्लिक चेरिटेबल ट्रस्ट’ के ट्रस्टियों पर भी धीरेन्द्र के साथ जमीन की खरीद-फरोख्त की साजिश में शामिल रहने का आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल पूछा कि, जो अहमदनगर ट्रस्ट 20-22 साल से मंडला में पब्लिक ट्रस्ट के रूप में पंजीयन के लिए लड़ रहा था।

हाईकोर्ट तक गया लेकिन ऐन वक्त पर आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट कर लिया। पूरी 27 की जगह केवल 4.40 एकड़ जमीन का दान लेकर धीरेन्द्र को बाकी जमीन की खरीद-फरोख्त करने सहमति दे दी। आखिर मंडला ट्रस्ट के मामले में सहमति देने वाले वे होते कौन हैं?

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