परंपरागत विश्वविद्यालयों में खुलेंगे कृषि संकाय प्रदेश की उच्च शिक्षा में एक और नया आयाम जुड़ेगा!
कृषि संकाय प्रदेश परंपरागत विश्वविद्यालयों में खुलेंगे कृषि संकाय प्रदेश की उच्च शिक्षा में एक और नया आयाम जुड़ेगा!
डिजिटल डेस्क | शहडोल उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ एक नई शुरुआत हो रही है। प्रदेश में अब परंपरागत विश्वविद्यालयों में कृषि, हॉर्टिकल्चर जैसे संकाय प्रारंभ होने से उच्च शिक्षा में एक नया आयाम जोड़ा जा रहा है। इन विश्वविद्यालयों में कृषि-हॉर्टिकल्चर, फॉरेस्ट्री जैसे मूलभूत पाठ्यक्रमों को एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। इससे अंतर्विषयक ज्ञान को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थी भी इस ओर आकर्षित होंगे। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने पत्रकारों में चर्चा करते हुए बताया कि लंबे प्रयासों के बाद परंपरागत विश्वविद्यालयों में कृषि संकाय प्रारंभ किए जा रहे हैं।
अभी तक राज्य शासन के स्तर पर प्रारंभ किए गए कृषि महाविद्यालयों और कृषि विश्वविद्यालयों में ही कृषि, हॉर्टिकल्चर से संबंधित पढ़ाई होती आई है। यह निर्णय निश्चित रूप से मध्यप्रदेश जैसे कृषि आधारित व्यवस्था वाले राज्य में उच्च शिक्षा को ग्रासरूट से जोड़ेगा। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय इस वर्ष से कृषि संकाय अंतर्गत बीएससी (ऑनर्स) एग्रीकल्चर, बीएमसी (ऑनर्स) हॉर्टिकल्चर, बीएससी (ऑनर्स) फॉरेस्ट्री, एमएससी एग्रीकल्चर, एमएससी हॉर्टिकल्चर और एमएससी फॉरेस्ट्री के पाठ्यक्रम प्रारंभ कर रहा है। इससे संबंधित अध्यादेश परिनियम राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में समन्वय समिति ने पारित किए हैं।
इन प्रावधानों को सभी परंपरागत विश्वविद्यालयों में समान रूप से लागू किया जाएगा। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अब पारंपरिक विश्वविद्यालय अपने यहाँ कृषि, हॉर्टिकल्चर से संबंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ कर सकते हैं। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में भी कृषि से संबंधित पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं। 117 शासकीय महाविद्यालयों में 459 डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम स्वीकृत उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 117 शासकीय महाविद्यालयों में 459 डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम स्वीकृत किए गए हैं। विद्यार्थियों को रोजगार मूलक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से अलग-अलग विषयों में अतिरिक्त सर्टिफिकेट और डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में सत्र 2021-22 से स्रातकोत्तर के 50, स्नातक के 23, पीजी डिप्लोमा के 30, डिप्लोमा के 34 और सर्टिफिकेट के 44, इस तरह कुल 128 नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं।