DPS राजबाग के टीचर ने नहीं दिया है CAA, NRC के खिलाफ बयान, जानें वायरल वीडियो का सच
फर्जी वीडियो DPS राजबाग के टीचर ने नहीं दिया है CAA, NRC के खिलाफ बयान, जानें वायरल वीडियो का सच
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया साइटस पर एक वीडियो पीछले एक महीने से शेयर किया जा रहा, इस वीडियो को @sdtiwari नाम के एक ट्विटर यूज़र ने शेयर करते हुए बताया कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति DPS राजबाग, गुजरात के स्कूल टीचर हैं जिनका का नाम ‘शकील अहमद अंसारी’ है।
हिंदुओ सुन लो कि प्रधान मंत्री दारूबाज है। ये वीडियो सबको भेजिए ये वलसाड के DPS SCHOOL Rajbag का टीचर शकील अहमद अंसारी है ।
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यह खुलेआम धमकी दे रहा।
प्रिय हिंदूओं सोते रहो। pic.twitter.com/4fIg0M29TL
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मीडियाकर्मी के सवाल करते ही वह व्यक्ति CAA, NRC के खिलाफ बयान देने लगता है, इसके बाद उसने गृह मंत्री अमित शाह के अलावा अन्य राजनेताओं के विरोध में भी बातें कहीं। इस वीडियो को देखने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है, लगभग 10 हजार से भी ज्यादा लोग इसे देख चुके हैं। इस वीडियो के साथ लिखा गया “ये वलसाड के DPS SCHOOL Rajbag का टीचर शकील अहमद अंसारी है इसको इतना शेयर करो की ये टीचर और स्कूल दोनों बंद हो जाए । वीडियो वायरल होने से काफी फ़र्क पड़ता है और कार्यवाही होती है जिसे दया न आये वो अपना मुंह (टाइपिंग) बंद रखे”।
क्या है पूरा मामला?
वायरल वीडियो के फ्रेम को हमनें गूगल पर रिवर्स सर्च किया तो पता चला कि इसे कई बार फेसबुक और ट्विटर पर शेयर किया गया है। वीडियो को DPS राजबाग, गुजरात के नाम से सर्च करने से पता चला कि यह जगह है ही नहीं। जी हां DPS राजबाग जम्मू-कश्मीर के कठुआ में स्थित है। यहां से यह बात साफ हो गई की वीडियो के पीछे की सच्चाई कुछ और है। यह वीडियो लगभग 12 दिसंबर, 2019 से इंटरनेट पर मौजूद है, इस वीडियो को ‘LTV एक्सक्लूज़िव’ नाम के एक फेसबुक पेज ने पोस्ट किया था, लाखों लोगों ने इसे अबतक देखा है। ‘इरफ़ान बागवान GFC’ नाम के यूट्यूब चैनल ने भी इस वीडियो को अपलोड किया था।
कहां का है यह वीडियो?
वीडियो के पीछे में एक गेट नजर आ रहा है, हमनें उस फ्रेम को रिवर्स सर्च किया तो हमें उससे मिलती-जुलती कई तस्वीरे देखने को मिली जिससे पता लगता है कि यह वीडियो गुजरात का नहीं बनारस का है, ‘द LTV न्यूज़’ के अनुसार यह मामला CAA और NRC के विरोध में हुए प्रदर्शन का है और यह घटना बनारस की है। इस वीडियो को लोगों द्वारा गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।