मस्जिद के बाहर नमाज न पढ़ने की पुरानी तस्वीर नए दावे के साथ हुई वायरल, क्या है दावे की सच्चाई!

फर्जी खबर मस्जिद के बाहर नमाज न पढ़ने की पुरानी तस्वीर नए दावे के साथ हुई वायरल, क्या है दावे की सच्चाई!

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-02 09:59 GMT
मस्जिद के बाहर नमाज न पढ़ने की पुरानी तस्वीर नए दावे के साथ हुई वायरल, क्या है दावे की सच्चाई!

डिजिटल डेस्क, भोपाल।  आज कल सोशल मीडिया पर एक तस्वीर जम कर वायरल हो रही है। जिसमें दो लोग एक बैनर पकड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। बैनर पर लिखा है,“बराए मेहरबानी कोई भी नमाज़ी मस्जिद के बाहर सड़क पर नमाज़ न पढ़ें.” इस बैनर को मेरठ की दरबार वाली मस्जिद के बाहर लगाया गया था। इस फोटो को इस दावे के साथ शेयर किया जा कहा है कि पुलिस की बिना अनुमति के आगरा में सड़क पर नमाज़ पढ़ने वाले 150 लोगों के खिलाफ़ केस दर्ज करने के बाद ये बैनर मेरठ में लगाया गया था। इस दावे के साथ बताने की कोशिश की गई है कि कैसे योगी आदित्यनाथ की सरकार राज्य में सख्त कानून व्यवस्था बना रही है। साथ ही इसी दावे के साथ ये फोटो फ़ेसबुक पर भी शेयर की गई है। 

तस्वीर की सच्चाई
जब हमने इस फोटो को गुगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें एक वेबसाइट का एक लेख मिला जो कि 16 अगस्त 2019 को छपा गया था। और उसी आर्टिकल में ये तस्वीर शेयर की गई है। और 3 साल पहले एक अन्य वेबसाइट ने एक लेख पब्लिश किया था। साथ ही मेरठ पुलिस ने भी 16 अगस्त 2019 को ये तस्वीर ट्वीट शेयर की थी। इस बेनर को 2019 में मस्जिद के बाहर यूपी पुलिस की एक पहल के तहत लगाया गया था। इस बैनर के ज़रिये लोगों से सड़क पर नमाज़ न अदा करने की अपील कि जा रही थी। क्योंकि ऐसा करने से यातायात बाधित होता था । 
 

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