आदि शंकराचार्य: युवा सन्यासी की प्रारंभिक यात्रा को असरदार तरीक़े से दिखाने में सफल रहे निर्देशक ओंकारनाथ मिश्रा

  • वेब सीरीज समीक्षा: आदि शंकराचार्य
  • कलाकार: अर्नव खानिजो, संदीप मोहन, गगन मलिक, सुमन गुप्ता, योगेश महाजन, राजीव रंजन,
  • बैनर: द आर्ट ऑफ लिविंग, श्री श्री पब्लिकेशन ट्रस्ट और ओएनएम मल्टीमीडिया
  • निर्देशक: ओंकार नाथ मिश्रा
  • निर्माता: नकुल धवन, ओंकार नाथ मिश्रा
  • अवधि: 30 से 45 मिनट के 10 एपिसोड
  • रिलीज़ की तारीख: 1 नवंबर 2024
  • प्लेटफ़ॉर्म: आर्ट ऑफ़ लिविंग ऐप
  • रेटिंग: ⭐️⭐️⭐️⭐

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-28 08:30 GMT

आदि शंकराचार्य के जीवन पर बनी पहली वेब सीरीज १ नवंबर को आर्ट ऑफ लिविंग के ऐप पर स्ट्रीम होने वाली हैं निर्देशक ओंकारनाथ मिश्रा ने वेब सीरीज के ट्रेलर लांच के साथ यह बता दिए थे कि पहले सीजन दस एपिसोड में बालक शंकराचार्य के जन्म से संन्यास मार्ग तक चलने तक की कहानी दिखाई जाएगी । इसी सोच को आगे रखते हुए राइटर और डायरेक्टर ओंकारनाथ मिश्रा वेब सीरीज 'आदि शंकराचार्य' जिसका पहला सीजन रिलीज को तैयार है। इस रिव्यू से हम बतायेंगे कि आदि शंकराचार्य वेब सीरीज का फर्स्ट सीजन कैसा है ।

आदि शंकराचार्य जीवन पर पहले भी फिल्में बन चुकी हैं। उनका जीवन सिर्फ 32 वर्षों का था लेकिन उनके द्वारा देश और समाज के लिए किये गए कार्य इतने विस्तृत थे कि उनको एक ढाई तीन घंटे की फिल्म में समेटना बहुत कठिन है। इसलिए इस रिव्युव की शुरुआत यह कहना उचित होगा यह विषय बहुत बड़ा है साथ ही धार्मिक होने के साथ ही आस्था और विश्वास का भी पहलू भी जुड़ा हैं

कुल 10 एपिसोड्स में तैयार वेब सीरीज 'आदि शंकराचार्य' का पहला सीजन आदि शंकर के जन्म से लेकर उनके जीवन के शुरुआती 8 वर्षों की कहानी बयान करता है। हर एपिसोड को अलग अगर नाम दिया गया है जो उसमें निहित कहानी को प्रतिबिंबित करता है। जैसे आगमन (एपिसोड-1), विलक्षण बालक और विदेशी षड्यंत्र (एपिसोड-2), प्रतिकार और पूर्वाभास(एपिसोड-3), गुरुकुल में प्रवेश(एपिसोड-4), कलरीपट्टू और चाइनीज युद्धकला(एपिसोड-5), पहला चमत्कार(एपिसोड-6), अद्भुत शिष्य(एपिसोड-7), दूसरा चमत्कार(एपिसोड-8), सन्यास के लिए आग्रह(एपिसोड-9) हैं

कहानी: पहले एपिसोड की शुरुआत ईसा पूर्व मौर्य कालीन भारत में सम्राट अशोक के द्वारा लड़े गए कलिंग के युद्ध के बहुत ही पॉवरफुल सीन से होती है। उनके द्वारा अपनाए गए बौद्ध धर्म और उसके प्रचार प्रसार, हिंसा और अहिंसा के द्वन्द्व और उसके परिणाम को दर्शाते हुए पहली शताब्दी के बाद ईसाइयों के भारत आगमन और ईसाई धर्म के प्रचार से होते भारत के पहले मंदिर को मस्जिद में ट्रांसफॉर्म करने की कहानी बयान की गई है। जिसके बाद 8वीं शताब्दी में मोहम्मद बिन कासिम के भारत पर किये गए आक्रमण और राजा दाहिर के साथ युद्ध और सिंध पर कब्जे की कहानी बताते हुए केरल के त्रिशूर में परशुराम क्षेत्र में सुंदर जंगलों पर्वतों और झरनों के मनोरम दृश्य दिखाते हुए श्री आदि शंकर के जन्म से कहानी की शुरुआत होती है। आगे के एपिसोड में दिखाया गया है जैसे जैसे आदि शंकर बड़े होते हैं वो अपने विलक्षण प्रतिभा से सभी को चकित कर देते हैं जिससे उनकी प्रसिद्धि दूर दूर तक होने लगती है। कहानी आदि शंकर को केंद्र में रखते हुए समसामयिक और ऐतिहासिक घटनाओं को दर्शाते हुए आगे बढ़ती है।

आदि शंकराचार्य जी ने बचपन में ही भारत की सभी सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक समस्याओं का सामना किया। उनका जन्म स्थान केरल भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के विदेशी षड्यंत्र का केंद्र बन रहा था। श्री शंकर के पिता श्री शिवगुरु ने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी, लेकिन सफल होने से पहले ही उनकी मृत्यु हो गई, उन्हें उम्मीद थी कि एक दिन उनका बेटा शंकर उनके सपने को पूरा करेगा। अपने पिता की इच्छा को मिशन के रूप में लेते हुए, बालक शंकर ने खुद को पूरी तरह से समाज और राष्ट्र के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया और माता कि आज्ञा लेकर 8 वर्ष की आयु में घर छोड़ दिया और आने वाले 24 वर्षों में एक राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन का नेतृत्व करके भारत को राजनीतिक और आध्यात्मिक रूप से एकजुट किया।

लेखन और निर्देशन

निर्देशक ओंकारनाथ मिश्रा ने इतने सामाजिक और धार्मिक विषय को इतने इंटरेस्टिंग तरीके से स्क्रीन पर उतरा है कि एक एपिसोड के खत्म होने के बाद दूसरे एपिसोड को देखने कि इच्छा सहज ही जाग जाती है। वो सभी कलाकारों से उनका बेस्ट निकलवाने में सफल रहे है। ओंकारनाथ मिश्रा ने सीरीज में आदि शंकराचार्य जी के आध्यात्मिक पक्ष की अपेक्षा भारतीय सांस्कृतिक और ऐतिहासिक सच दिखाने की सफल और उम्दा कोशिश की है। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा गया है जैसे केरल के स्थानीय वाद्य यंत्रों का बैकग्राउंड में प्रयोग आपको 8 वी शताब्दी के केरल के गाँव मे पहुँच देगा।

कास्टिंग, डायलॉग राइटिंग, कास्टूम, मेकअप, बैकग्राउंड म्यूजिक, सिनेमॅटोग्राफी, सीरीज के हर सेगमेंट में अच्छा काम हुआ है और एक पर्फेक्शन नजर आता है जो आपको उसी एरा के भारतवर्ष में पहुंचा देगा। ओंकारनाथ मिश्रा के द्वारा गहराई से किये गए रिसर्च का परिणाम ही है कि सीरीज में 9वीं शताब्दी के भारत के परिवेश और सामाजिक ताने बाने, भाषा शैली और बॉडी लैंग्वेज का विशेष ध्यान रखा है और कहीं से भी कोई लूप होल नजर नहीं आता।

अभिनय

8 वर्ष के बालक आदि शंकराचार्य का मुख्य रोल करने वाले अर्णव खानिजों ने अपनी एक्टिंग स्किल से चौंका दिया है उन्होंने साबित कर दिया है कि इस किरदार के लिए वह सबसे फिट है। आदि शंकर के माता और पिता के किरदार में टीवी के मशहूर एक्ट्रेस सुमन गुप्ता और ‘कृष्णा’ धारावाहिक में अर्जुन का किरदार निभाकर प्रसिद्धि हासिल करने वाले संदीप मोहन ने किरदारों को जीवित कर दिया है और दोनों ही ऐक्टर्स दर्शकों को सम्मोहित करने में सफल रहे हैं।

अभिनेता राजीव रंजन आचार्य विभूति के किरदार में अपने डायलॉग डेलीवेरी और फेशियल इक्स्प्रेशन के दम पर काफी प्रभावित करते हैं। रंजन ने आचार्य विभूति के किरदार अपने संजीदा अभिनय से साबित कर दिया है कि वो क्यूँ वर्सटाइल एक्टर कहे जाते हैं।

राजा दाहिर के किरदार में शिवेन्दु ओमशाइनिवाल और गुप्तचर मुक्तिमणी के किरदार में ऐक्टर हितेन्द्र उपासनी ने अपने छोटे से रोल में उल्लेखनीय अभिनय प्रस्तुत किया है इन दोनों एक्ट्रेस ने अपने किरदारों को इतनी शिद्दत से निभाया है कि यह छोटा सा सीन देखकर आप राजा दाहिर के प्रति सम्मान और गर्व से भर उठेंगे। टीवी के अनुभवी कलाकार गगन मालिक ने सम्राट अशोक को स्क्रीन पर प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है। बाकी के कलाकार भी दर्शकों को कहानी के साथ जोड़ने में सफल रहे है।

संगीत

सीरीज में कहानी के हिसाब से जरूरी संगीत भी है जो डिवाइन फीलिंग देता है। कई गीत ऐसे हैं जो दर्शक भजन के रूप में जरूर सुनना पसंद करेंगे। गांव की नदी की धारा मोड़ने के लिए की गई प्रार्थना और शिवोहम शिवोहम बहुत ही मधुर बन पड़े हैं ।

1 नवंबर को रिलीज होने वाली वेब सीरीज ‘आदि शंकराचार्य’ कुल 8 भाषाओं (हिन्दी, इंग्लिश, बांग्ला, कन्नड, मराठी, तमिल, तेलुगु और मलयालम ) में रिलीज की जाएगी जिससे कि यह केवल एक क्षेत्र विशेष का सिनेमा न होकर सम्पूर्ण भारत में देखी जा सकेगी। यह आर्ट ऑफ लिविंग के ओटीटी एप पर दर्शकों के लिए फ्री में उपलब्ध रहेगी। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से देखें तो सीरीज काफी इनफॉर्मेटिव है और कई घटनाएं ऐसी दिखाई गई हैं जो आपकी आँखें खोल देगा। यह एक मस्ट वाच वेब सीरीज है जो आपको अपने स्वर्णिम इतिहास पर गर्व करने और हमारे शासकों द्वारा पूर्व में पूर्व में की गई गलतियों से सबक लेने मौका भी देती है।

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