शह-मात की सियासत शुरु: जिस लापता महिला पार्षद को पुलिस सीसीटीवी फुटेज में तलाश रही थी, वो मेयर-स्पीकर के साथ मिलीं भोपाल में
- कांग्रेस की माया अंतत: बीजेपी के पाले में, अर्चना की भी घर वापसी
- कहीं सुराग नहीं मिलने पर कोलगवां थाने में गुम इंसान की कायमी कराई गई थी।
- भाजपा के रणनीतिकारों ने प्रमुख प्रतिपक्ष कांग्रेस को जोर का झटका धीरे से दे दिया।
डिजिटल डेस्क,सतना। नगर निगम परिषद के भाजपा समर्थित अध्यक्ष राजेश चतुर्वेदी के विरुद्ध कांग्रेस के अविश्वास के प्रस्ताव के २ दिवसीय फ्लोर टेस्ट के ठीक एक दिन पहले सत्तारुढ़ भाजपा के रणनीतिकारों ने प्रमुख प्रतिपक्ष कांग्रेस को जोर का झटका धीरे से दे दिया।
तीन बार की ६५ वर्षीया पार्षद माया देवी कोल और अर्चना गुप्ता ने गुरुवार को राजधानी भोपाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के हाथों पार्टी की सदस्यता ले ली। पहले जनता दल, फिर निर्दलीय और फिर कांग्रेस की टिकट पर वार्ड १२ की पार्षद माया ने पहली बार भाजपा की सदस्यता ली है जबकि कांग्रेस का साथ छोडक़र भाजपा में आईं वार्ड ४४ की पार्षद अर्चना गुप्ता की यह घर वापसी है। इससे पहले इसी वार्ड से अर्चना के पति अनिल गुप्ता भाजपा के पार्षद रह चुके हैं।
ऐसे घूमा नाटकीय घटनाक्रम:
कांग्रेस पार्षद माया देवी का भाजपा में आगमन किसी शह-मात की सियासत से कम नहीं है। उनके बेटे लल्लू कोल के मुताबिक १० सितंबर की शाम वह घर से निकली थीं और फिर घर नहीं लौटीं।
कहीं सुराग नहीं मिलने पर कोलगवां थाने में गुम इंसान की कायमी कराई गई थी। इधर जिस लापता महिला पार्षद को यहां पुलिस सीसीटीवी फुटेज में तलाश रही थी, वहीं पार्षद गुम होने के तीसरे दिन गुरुवार को मेयर योगेश ताम्रकार और नगर निगम के स्पीकर राजेश चतुर्वेदी के साथ अचानक भोपाल के सोशल प्लेटफार्म पर वायरल हो गईं।
कोलगवां पुलिस ने चैन की सांस ली लेकिन कांग्रेस की नींद उड़ गई। पार्षद द्वय माया एवं अर्चना अब केसरिया पलटन में थीं। इस मौके पर प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, रीवा संभाग प्रभारी रणवीर सिंह रावत और रामपुर बघेलान के विधायक विक्रम सिंह ने भी दोनों का पार्टी में स्वागत किया।
अब क्या होगा: कलेक्टर के सामने परेड आज से :-
जानकारों के मुताबिक तथ्य यह भी है कि दोनों महिला पार्षद कांग्रेस के उन १८ पार्षदों में शामिल थीं, जिन्होंने अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास के प्रस्ताव पर दस्तखत किए थे। इन दो प्रस्तावकों के पलटी मार देने के बाद अब शेष बचे १६ पार्षदों पर सबकी नजर है।
उल्लेखनीय है, फ्लोर टेस्ट के पहले दिन कलेक्टर अनुराग वर्मा की मौजूदगी में १३ सितंबर को ९ पार्षदों और १४ सितंबर को भी इतने ही पार्षदों के हस्ताक्षरों के प्रमाणीकरण करने के साथ अंतिम सहमति अथवा असहमति ली जाएगी। इसके बाद कलेक्टर सम्मिलन आहूत करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
भाजपा : ऐसे बढ़ा संख्या बल :
४५ पार्षदों वाली नगर निगम परिषद के वर्ष २०२२ के चुनाव में भाजपा के २०, कांग्रेस के १९, ५ निर्दलीय और एक बसपा पार्षद चुना गया था। तकरीबन ६ माह के अंदर कांग्रेस के ५ पार्षद क्रमश: भाजपा में चले गए। इसी बीच अन्य तीन निर्दलीय पार्षदों ने भी भाजपा ज्वाइन कर ली। इस प्रकार परिषद में भाजपा का संख्या बल बढ़ कर जहां २८ हो गया है, वहीं कांग्रेस के पास मौजूदा समय पार्षदों की संख्या १६ रह गई है।
फैक्ट फाइल
भाजपा : २८
कांग्रेस : १६
निर्दलीय: १