भजन गाकर की शक्ति की देवी की आराधना

वार्षिकोत्सव भजन गाकर की शक्ति की देवी की आराधना

Bhaskar Hindi
Update: 2022-01-03 13:12 GMT
भजन गाकर की शक्ति की देवी की आराधना

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। संपूर्ण विश्व में शक्ति की दात्री मां दुर्गाजी की विविध स्वरूपों में आराधना, पूजा की जाती है। उनमें एक रूप मां खुडानेश्वरी का भी मान्यता के अनुसार माता के रूप में पूजन किया जाता है। हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में राम खुराना में मातारानी का मंदिर स्थापित है। जिसे अपने कुलदेवी के रूप में सर्वोधर्म प्रेमियों के चावल की नगरी गोंदिया में अग्रवाल समाज के चांगोड़िया परिवार मानता है। कोविड के चलते शासन द्वारा निर्देशित नियमों का पालन करते हुए गत दो वर्षो के उपरांत गत 16 वर्षों से चली आ रही परंपरा को गति प्रदान करते हुए इस वर्ष भारतीय माह पौष कृष्ण पक्ष के बारस-तेरस तिथि शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021 को गणेशनगर स्थित सती धाम, सती मंदिर परिसर के सभाकक्ष में विशाल सुसज्जित मंदिर में आराध्य देवी मां खुडानेश्वरी की प्रतिमा विराजित की गई। 31 दिसंबर को दिन के तृतीय प्रहर 3 बजे मातारानी की पूजा का शुभारंभ सर्वप्रथम श्री गणेशजी का आह्वान कर मातरानी की ज्योत व प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित की गई। विधिपूर्वक पं. आशीष दिनेशकुमार शर्मा ने पूजन कार्य का दायित्व संभाला। 

इसी क्रम में शनिवार, 1 जनवरी 2022 को माताजी की कढ़ाई प्रसाद किया। जिसे की रानी सती धाम के अन्नपूर्णा कक्ष में पितृ पुरूष सेठ मन्साराम चौधरी वंशजों ने सवामणि कड़ाई का प्रसाद तैयार कर मातारानी को भोग लगाकर माता स्वरूपी बाल कन्याओं का चांगोडिया परिवार की समस्त महिलाओं ने शीतल जल से उनके चरण धोकर भारतीय पद्धति नुसार आसन पर बिठाकर प्रसाद रूपी भोजन कराने के बाद उन्हें तिलक लगाकर भेंट दक्षिणा देकर सहसम्मान विदा किया। इस अवसर पर आमगांव, देवरी, बालाघाट, ब्रह्मपुरी, वडसा, नागपुर, भिलाई, रायपुर, ककोडी, लांजी, सालेकसा के लोगों को माताजी के आयोजन में दर्शन कर पूजा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

बही भक्ति की गंगा 

एक बार आओ मां खुडानेश्वरी माता म्हारा आंगणा थांका दर्शन पास्याजी-म्हे धन्य हो जास्याजी, मैयाजी तुमको किसने सजाया है, कितना प्यारा श्रृंगार तेरी जय-जयकार आदि भजनों सेे समा बांध दिया एवं मातारानी के गुणगान एक से एक बढ़कर युवा भजन गायक सुनील कालोया एवं सहयोगी सार्थियों ने भजन पेश किए। करे भगत हो आरती माई दोई बिरया आरती प्रस्तुत कर कार्यक्रम का समापन किया गया।  

 

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