Gondia News: राजकुमारों के लिए कांग्रेस-राकांपा ने काटी विधायकों की टिकट

  • अपनी-अपनी पार्टियों के विश्वास पर उम्मीदवार खरे उतरे तो संगठन भी होगा मजबूत
  • पुराम को 8 हजार मतों से दी थी शिकस्त

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-06 13:54 GMT

Gondia News : संतोष शर्मा | दो राजकुमारों को चुनाव मैदान में उतारने के लिए गोंदिया जिले में कांग्रेस एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) ने अपने दो विधायकों की टिकट इस बार काट दी है। इन दोनों को इस विश्वास के साथ टिकट दी गई है कि यह दोनों चुनाव जीतकर जनता के हितों के लिए कार्य करेंगे। साथ ही संगठन को मजबूत बनाने में भी सफल सिद्ध होंगे। अब यह दोनों राजकुमार अपनी-अपनी पार्टियों के विश्वास पर कितना खरा उतरते हैं, यह तो 23 नवंबर को मतगणना के बाद ही पता चलेगा।आमगांव (अनुसूचित जनजाति) विधानसभा सीट पर इस समय कांग्रेस पार्टी के सहसराम कोरोटे विधायक हैं। वर्ष 2019 के चुनाव में उन्होंने भाजपा के इस गढ़ में भाजपा प्रत्याशी संजय पुराम को लगभग 8 हजार मतों से पराजित कर यह सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी थी। अपने नियमित जनसंपर्क एवं सक्रियता के चलते उन्हें इस बार पूरी उम्मीद थी कि पार्टी उन्हें दूसरी बार अवश्य ही मौका देगी, लेकिन पार्टी ने विविध कारणों के चलते सहसराम कोरोटे की टिकट अंतिम समय में काटकर उनके स्थान पर जिप के सेवानिवृत्त उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे राजकुमार पुराम को टिकट दी है। अब इस चुनाव में भाजपा के संजय पुराम के खिलाफ कांग्रेस के राजकुमार पुराम चुनाव मैदान में हैं। संजय पुराम इससे पहले भी वर्ष 2014 से 2019 तक भाजपा की टिकट पर विधायक रह चुके हैं। वर्ष 2019 में वे चुनाव हार गए थे, लेकिन इसके बावजूद वर्ष 2024 में पार्टी ने फिर उन पर विश्वास जताते हुए उन्हें तीसरी बार उम्मीदवारी दी है। जबकि कांग्रेस के राजकुमार पुराम पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों ही उम्मीदवार अपने-अपने प्रचार में जुट गए हैं।

चंद्रिकापुरे की काटी टिकट : वहीं दूसरी ओर, अर्जुनी मोरगांव (अनुसूचित जाति) सीट पर वर्तमान में महायुति के घटक दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) के विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे विधानसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पिछली बार वर्ष 2019 के चुनाव में वे राकांपा-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में थे और उनका मुकाबला तत्कालीन भाजपा-शिवसेना गठबंधन उम्मीदवार राजकुमार बडोले से था। बडोले से हुई कड़ी टक्कर में मनोहर चंद्रिकापुरे मात्र 800 मतों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। राजनीतिक स्थितियों में आए बदलाव के बाद अब राकांपा (अजित पवार) भाजपा के साथ महायुति गठबंधन में है। सीटों के बंटवारों में अर्जुनी मोरगांव विधानसभा सीट राकांपा के कोटे में गई है। लेकिन बडोले इस सीट से भाजपा के प्रबल उम्मीदवार थे और राजनीतिक सर्वेक्षण में भी उन्हें अन्य उम्मीदवारों की तुलना में अधिक मजबूत उम्मीदवार बताया गया था। गठबंधन में किसी प्रकार की बगावत न हो और यह सीट हर हाल में महायुति ही जीते, इस उद्देश्य से राकांपा ने इस बार भाजपा छोड़कर राकांपा की सदस्यता ग्रहण करनेवाले पूर्व मंत्री राजकुमार बडोले को अपने कोटे से टिकट दी है। इसके लिए राकांपा ने अपने वर्तमान विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे की टिकट काट दी है।

चंद्रिकापुरे ने बेटे को मैदान में उतारा

चंद्रिकापुरे ने इस निर्णय पर रोष व्यक्त करते हुए अपने बेटे डॉ. सुगत चंद्रिकापुरे को प्रहार जनशक्ति संगठन की सहायता से चुनाव मैदान में उतारा है। इससे महायुति को कितना नुकसान होगा यह तो आनेवाला वक्त ही बताएगा, लेकिन अब दोनों राजकुमारों पर यह बड़ी जिम्मेदारी आ पड़ी है कि जिस विश्वास के साथ कांग्रेस-राकांपा ने अपने-अपने वर्तमान विधायकों के टिकट काटकर उन्हें टिकट दी है, वे अब जनता का विश्वास जीतने में भी सफल रहें। हालांकि राजनीतिक दलों का फैसला तो हो चुका है और जनता का फैसला 23 नवंबर को सामने आ ही जाएगा, तभी पता चलेगा कि दोनों राजकुमार अपनी परीक्षा में सफल हुए या नहीं?

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