कर्मचारियों में खुशी की लहर, प्रशासन के सामने कई चुनौतियां
सुखद कर्मचारियों में खुशी की लहर, प्रशासन के सामने कई चुनौतियां
डिजिटल डेस्क, अकोला. सातवां वेतन आयोग लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे अकोला महानगरपालिका के कर्मचारियों का इंतजार आज खत्म हो गया। शासन के नगर विकास विभाग ने शासन निर्णय जारी करते हुए आयोग अनुसार संशोधित वेतन श्रेणी लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। इस कारण मनपा कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है, किंतु प्रस्ताव को मंजूरी शर्तों के तहत दिए जाने से मनपा प्रशासन के सामने नई चुनौतियां खड़ी हुई है।
1635 कार्यरत, 2323 सेवानिवृत्त कर्मियों को होगा लाभ
महानगरपालिका की आस्थापना पर कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग अनुसार संशोधित वेतन संरचना लागू करने के आदेश शासन ने 2 अगस्त 2019 को जारी किए थे। उसके बाद राज्य की कई महापालिकाओं में सातवां वेतन आयोग लागू हुआ। इस कारण अकोला मनपा के कर्मचारी भी लगातार आयोग लागू करने की मांग कर रहे थे। कई बार आंदोलन भी किए गए। अंतत: प्रशासन ने सातवां वेतन आयोग लागू करने का निर्णय लिया। मंजूरी के लिए 1 नवंबर 2021 की सर्वसाधारण सभा में प्रस्ताव भी रखा गया, जिसे सभा ने मंजूरी दी। मनपा के अ, ब, क, ड श्रेणी के कर्मचारी, सफाई कर्मचारी, शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी मिलाकर 1635 कर्मचारियों को तथा 2323 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
बढ़ेगा 1 करोड़ तक खर्च
मनपा का लगभग 1 करोड़ तक खर्च बढ़ेगा। इस पर गौर करते हुए प्रशासन ने 18 जनवरी 2022 को शासन की ओर प्रस्ताव भेजा था, लेकिन महीनों बाद भी प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इस बीच मनपा को शासन के नगर विकास विभाग का पत्र मिला। पत्र में आस्थापना खर्च समेत महत्वपूर्ण मुद्दों की जानकारी मांगी गई थी। मनपा के ब्योरे की पड़ताल के बाद शर्तों के तहत प्रस्ताव मंजूर किया गया। इस प्रस्ताव की मंजूरी से मनपा प्रशासन पर 1 करोड़ तक अतिरिक्त खर्च जोड़ने का जिम्मा आ गया है।
शासन के नगर विकास विभाग ने अकोला महानगरपालिका में शर्तों के तहत सातवां वेतन आयोग लागू करने को मंजूरी दी है। मनपा क्षेत्र की संपत्तियों का मार्च 2023 तक कर मूल्यांकन करने के आदेश दिए गए है। इसी प्रकार मनपा का आस्थापना खर्च 35 प्रतिशत से अधिक होने से इस शर्त को शिथिल किया गया, लेकिन आय बढ़ाने तथा आस्थापना खर्च 35 प्रतिशत तक रखने उपाययोजना करने की शर्त रखी गई है। आय बढ़ाने व नए जरिए ढूंढना अनिवार्य किया गया। जीआईएस मैपिंग द्वारा संपत्तियों का सर्वे कर 31 मार्च 2023 तक शतप्रतिशत संपत्तियों को कर की कक्षा में लाना, संपत्तियों के कर निर्धारण के लिए फिर से मूल्यांकन करना है। वर्तमान डिमांड अनुसार मार्च 2023 तक 90 प्रतिशत वसूली अनिवार्य है। वहीं कुल वसूली 70 प्रतिशत करनी पड़ेगी। जलकर की वसूली की 90 प्रतिशत राशि योजना में सुधार पर खर्च करनी पड़ेगी। मनपा की मालिकाना जगहों का पर्याप्त इस्तेमाल कर राजस्व में इजाफा करने एक योजना तैयार कर उस पर अमल किया जाए आदि शर्ते रखी गई।
कर्मचारियों ने माने आयुक्त के आभार
मनपा आयुक्त कविता द्विवेदी के प्रयास से मनपा के कार्यरत तथा सेवानिवृत्त कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का तोहफा मिला है। सभी के वेतन में वृध्दि होगी। लंबे समय से प्रलंबित वेतन आयोग लागू होने से कर्मचारियों ने खुशियां जाहिर की, साथ ही मनपा आयुक्त का आभार माना। कर्मचारियों की ओर से आयुक्त के स्वीय सहायक जितेंद्र तिवारी ने आयुक्त का सत्कार किया। इस अवसर पर कर्मचारियों की उपस्थिति रही।