खरीफ की बुआई को पहली बारिश का इंतज़ार
आसेगांव खरीफ की बुआई को पहली बारिश का इंतज़ार
डिजिटल डेस्क, आसेगांव. किसानों द्वारा हर मौसम में विभिन्न फसलों की बुआई करते है जिससे हमें अनाज और सब्जियां उपलब्ध होती है । कुछ फसलें मौसम को मद्देनज़र रखते हुए ज़मीन की हल्की-भारी मिट्टी के अनुसार बोई जाती है तो कुछ फसलें जल की उपलब्ध के अनुसार सालभर ली जाती है । इन दिनों आसेगांव परिसर में खरीफ की बुआई को लेकर किसानों में उत्साह नज़र आ रहा है और खरीफ की बुआई को पहली बारिश का इंतज़ार है । खरीफ मौसम में उड़द, मूंग और सोयाबीन की फसल को प्राथमिकता से महत्व दिया जाता है, जिसके बाद कपास, तुअर और ज्वार की फसलें बोई जाती है । लेकिन इस वर्ष ग्रीष्म में धूप की तपिश और पारा चढ़ा हुआ रहने से जहां मज़दूर सुबह और शाम के समय खेतों की साफसफाई करते दिखाई दिए तो वहीं समय कम रहने से बैलों की बजाए ट्रैक्टर से सुबह, शाम और रात को कृषि कार्य अंजाम दिए जा रहे है । बारिश का मौसम शुरु होने में अब अधिक समय नहीं रह गया है लेकिन अब अंतिम दौर में भी कृषि कार्य ट्रैक्टर की सहायता से पुरे किए जा रहे है । जिन किसानों ने खेतों को तैयार कर रखा है, उन्हें बुआई के लिए अब पहली ज़ोरदार बारिश का इंतेज़ार है । इस वर्ष तेज़ धूप के कारण लोगों ने घरों में आराम करने को महत्व दिया है तो वहीं जलस्तर कम होने के कारण रबी फसल की बुआई में कमी देखने को मिली । इस प्रकार मौसम के कारण बुआई का स्तर गिरता रहा तो सब्ज़ी से लेकर अनाज के भाव में होनेवाली वृध्दि कोई नहीं रोक सकता । इस लिए अनुभवी किसानों के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को अपने आंगण में कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए ताकि भविष्य में हमारा जीवन हराभरा रहे ।