प्रशासन व पंचायत ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने खुद ही बनाई  सड़क

प्रशासन व पंचायत ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने खुद ही बनाई  सड़क

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-17 07:39 GMT
प्रशासन व पंचायत ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने खुद ही बनाई  सड़क

डिजिटल डेस्क शहडोल । शासन-प्रशासन द्वारा गांवों के विकास का दावा कितना खोखला है, यह मरवाटोला गांव जाकर देखा जा सकता है। मुख्यालय से महज 5-7 किलोमीटर दूर देवगवां पंचायत के मरवाटोला की मुख्य सड़क वर्षों से उपेक्षा का शिकार रही है। प्रशासन व जिला प्रशासन से कई बार आदिवासियों ने सड़क निर्माण की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही अपने मोहल्ले की सड़क बना डाली। आपस में सहयोग कर मोहल्ले के लोगों ने सड़क पर मुरुम व पत्थर डाल दिए। रोड भले काम चलाऊ बनी हो, लेकिन यह प्रशासनिक दावों की पोल खोलने के लिए पर्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि भले ही पक्की रोड न बनी हो, लेकिन उनके बच्चे स्कूल तो जा सकेंगे।

भर जाता है पानी व कीचड़

पंचायत की मुख्य सड़क से होकर मरवाटोला की जोर जाने वाली सड़क आदिवासियों के लिए किसी अभिशाप से कम नहीं थी । मरवाटोला में 45-50 घर बने हुए हैं। जिसमें ज्यादातर बैगा आदिवासी व कुछ घर यादवों के  हैं। इस एक मात्र सड़क पर बरसात के दिनों में चलने लायक स्थिति नहीं रह जाती। अभी कुछ दिनों की बरसात में पानी भर गया। जिससे कच्चे घरों की दीवार गिरने का खतरा बन गया। मेन रोड ऊंचा होने के कारण पानी निकलने की जगह ही नहीं है। ऐसे में कीचड़ हो जाता है। 

सुनवाई नहीं होने पर स्वयं किया काम

ग्रामीणों के अनुसार पंचायत से कई बार सड़क बनवाने की मांग की गई। प्रशासन के सामने भी आवेदन दिए गए। लेकिन किसी ने नहीं सुनी। पंचायत को तो लगता है आदिवासियों से सरोकार ही नहीं है। परेशानी तो ग्रामीणों को है। इसलिए सभी ने तय किया कि सड़क चलने लायक तो बना दें। इसके बाद कुछ लोगों ने मुरुम पत्थर की व्यवस्था की। महिलाओं के साथ पुरुषों ने मिलकर सड़क पर बिखेरा समतल बनाया।

ग्रामीणों ने बताई परेशानी

स्कूल जाने के लिए यही एक मात्र रास्ता है। बरसात होते ही चलने लायक नहीं रहती। बच्चों को ज्यादा परेशानी आती है। हम लोगों ने तय किया अपने से ही जो काम हो जाए कर लेते हैं। - रंजीता यादव, ग्रामीण

मुरुम व मिट्टी डालकर किसी तरह सड़क चलने लायक तो बना दिए हैं, लेकिन पानी भरने की समस्या अभी भी बनी हुई है। क्या करें कोई सुनता ही नहीं।
- गेंदलाल बैगा, ग्रामीण

आपस में मिलकर काम चलाऊ बना तो दिया है लेकिन पक्की सड़क तो बनना ही चाहिए। आपके माध्यम से शायन प्रशासन की नींद टूटे, और हम सब का भला हो।
- लक्ष्मीदेवी, ग्रामीण
 

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