हल्दी-कुमकुम सनातन संस्कृति में अखंड सौभाग्य का प्रतीक

गोंदिया हल्दी-कुमकुम सनातन संस्कृति में अखंड सौभाग्य का प्रतीक

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-07 12:19 GMT
हल्दी-कुमकुम सनातन संस्कृति में अखंड सौभाग्य का प्रतीक

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। हल्दी कुमकुम सनातन संस्कृति में अखंड सौभाग्य का प्रतीक है। यह प्रतिपादन कुंदा दोनोडे ने किया। महिला समाज भवन सिविल लाइन में शनिवार को झाड़े कुणबी समाज महिला संगठन ने हल्दी-कुमकुम कार्यक्रम का आयोजन किया था। वे इस समय बोल रही थीं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाज की महिलाएं शामिल हुईं। महिलाओं ने एक-दूसरे को हल्दी-कुमकुम लगाकर वाण भेंट किया। संगठन की सहसचिव सुजाता बहेकार ने कहा कि सामाजिक आयोजनों से एकता रहती है। महिलाओं की एकता से जिले में राजनितिक व सामाजिक परिवर्तन भी किए जा सकते हैं। इस दौरान किरण भेंडाकर, शालू खोटेले, शोभा थेर, अनु चुटे, अनिता वढ़ाई, स्वाति बहेकार, शुभांगी पाथोडे, विदया बहेकार, कमला वढ़ाई, कांता तरोने, सुनीता फुंडे, छाया डोये, रमाबाई शिवणकर, सुनीता मेंढे, स्नेहा मेंढे, कल्पना पाथोडे, वंदना ब्राह्मणकर, संध्या तारोने, सुमन मेंढे, शशि फुंडे व दुर्गा डोये आदि महिलाएं मौजूद थीं।

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