जनजाति सुरक्षा मंच ने 27 को बुलाया जनजाति सम्मेलन
मण्डला जनजाति सुरक्षा मंच ने 27 को बुलाया जनजाति सम्मेलन
डिजिटल डेस्क, मण्डला। जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा रविवार को स्थानीय सर्किट हाऊस में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। मंच की केंद्रीय टोली सदस्या एवं राज्यसभा सांसद सम्पतिया उइके ने जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा 27 अप्रैल को आयोजित जनजाति सम्मेलन, डीलिस्टिंग रैली एवं सभा की जानकारी के साथ-साथ जनजाति सुरक्षा मंच के उद्देश्यों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि देश की 700 से अधिक जनजातियों के विकास एवं उन्नति के लिए संविधान निर्माताओं ने आरक्षण एवं अन्य सुविधाओं का प्रावधान किया था। लेकिन इन सुविधाओं का लाभ उन जनजातियों के स्थान पर ऐसे लोग उठा रहे है जो अपनी जाति को छोड़कर धर्मांतरित हो गए हैं।
धर्मांतरित ले रहे दोहरा लाभ
उन्होंने बताया कि ऐसे धर्मांतरित लोग अनुसूचित जनजाति के साथ-साथ अल्पसंख्यक होने का दोहरा लाभ लेते हैं। जबकि असली अनुसूचित जनजाति वर्ग अपने अधिकारों से वंचित हो जाता है। उन्होंने बताया धर्मांतरित व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति की सूची से हटाये जाने की मांग को लेकर 27 अप्रैल को मण्डला के शीतला माता मंदिर परिसर में एक विशाल जनजाति सम्मेलन एवं डीलिस्टिंग रैली आयोजित की जा रही है। जिसमें जिलेभर से जनजाति समाज एकत्र होकर अपनी इस मांग को सरकार के समक्ष रखेंगे।
असली जनजाति समाज को उनका अधिकार दिलाना
उन्होंने जनजाति सुरक्षा मंच के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए बताया कि उक्त विसंगति के कारण अपने हकों से वंचित देशभर की जनजातियों ने 30 अप्रैल 2006 को रायपुर में जनजाति सुरक्षा मंच का गठन किया। इस मंच का एक मात्र उद्देश्य जनजाति समाज में से धर्मांतरित होकर अपने पूर्वजों के धर्म को छोड़कर धर्मांतरित होकर आरक्षण का लाभ लेने वालों के विरुद्ध आवाज उठाना है और असली जनजाति समाज को उनका हक और अधिकार दिलाना है। उन्होंने बताया कि हमारे संविधान के अनुच्छेद 341 में जो प्रावधान अनुसूचित जाति के लिए है वही नियम हम अनुच्छेद 342 में अनुसूचित जनजाति के लिए चाहते हैं।
इस दौरान जनजाति सुरक्षा मंच के जिला संयोजक नीरज मरकाम ने डीलिस्टिंग रैली के मार्ग एवं आने वाले अतिथियों की जानकारी दी एवं उपस्थित मीडिया कर्मियों के प्रति आभार प्रकट किया।