तांत्रिक बनकर फॉरेस्ट टीम की दबिश, बाघ के नाखून-चमड़ा समेत 3 तस्कर गिरफ्तार

तांत्रिक बनकर फॉरेस्ट टीम की दबिश, बाघ के नाखून-चमड़ा समेत 3 तस्कर गिरफ्तार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-01 14:23 GMT
तांत्रिक बनकर फॉरेस्ट टीम की दबिश, बाघ के नाखून-चमड़ा समेत 3 तस्कर गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, मंडला। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे वन क्षेत्र से कान्हा नेशनल पार्क की विशेष टीम ने तीन लोगो से बाघ के नाखून, बाल और चमड़े के टुकडे बरामद किए है। इसके साथ घर से मोर का पैर, जीआई फंदा, जाल खुंटी और छुरी मिली है। बाघ के अंगो को बेचने की फिराक में रहे आरोपी कुंबर बैगा, राममोहन मरावी, राकेश धारभैया के पास कान्हा टीम तंत्रिक बनकर पहुंची और जंगल में रूपए बरसाने का लालच दिया। आरोपी में एक शिक्षक और दूसरा पोस्ट ग्रेजूएट है। बाघ के शेष अंगो के लिए डॉग स्क्वाड़ की टीम सर्चिग में जुटी हुई है। 

बताया गया है कि कान्हा नेशनल पार्क की टीम को सूचना मिली की राज्य सीमा से लगे बफर जोन गढ़ी क्षेत्र के ग्रामीण के पास बाघ के अंग हैऔर कई दिनों से बेचने की फिराक में है। तीन दिन पहले कान्हा टीम ने तस्करों को पकडऩे के लिए अपनी टीम के साथ जाल बिछाया। तस्करों से बाघ के अंग निकलवाने के लिए खबर भेजी कि मद्रास की एक मालदार पार्टी बाघ अंग की तलाश में है। इसके साथ तंत्र क्रिया के लिए एक पंड़ा है जो जंगल में करोड़ो रूपए बरसाएगा। यह तरीका एक दम सटीक बैठा है। दस हजार में बाघ के दांत का सौदा हो गया। तस्कर ने जैसे ही बाघ के दांत दिए टीम ने धर दबोचा।

पता चला कि और भी बाघ के अंग है। मुख्य तस्कर आरोपी कुंवर बैगा निवासी कटंगी, अतिथि शिक्षक माध्यमिक शाला घुईटोला राममोहन मरावी निवासी चंदगांव और राकेश धारभैया निवासी अलना के घरों में सर्चिग करने पर बाघ के चार नग नाखून, 11 नग मूंछ के बाल, चमड़े के दो टुकड़े, एक मोर का पैर के साथ शिकार के लिए जीआई फंदा तीन किलो, जाल, लोहे की खूंटी, दो धारदार छुरी, गुलेल मिली है।

कान्हा की टीम में सहायक संचालक सुधीर मिश्रा, परिक्षेत्र अधिकारी सूपखार एनपी तिवारी, अधिकारी समनापुर देवेश खराड़ी, अधिकारी गढ़ी बफर शिव काकोडिय़ा,अनूप परमार, शिवम तिवारी, मनोज मिश्रा, नवीनचद्र मिश्रा, अशोक बंजारा, नारायणप मरावी चालक छोटू शमिल रहा है। तस्करों को गिर तार कर पूछताछ की जा रही है।

चार मील पैदल चली टीम

तस्करी में मु य आरोपी कुंवर बैगा निवासी कंटगी को पकडऩे के लिए कान्हा टीम को अंधेरे में जंगल का चार किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ा है। सात अक्टूबर की सुबह कटंगी में दबिश के लिए चालीस सदस्यीय टीम पहुंची। दो अलग दिशाओं से पौ फटते ही आरोपी को घर से पकड़ा गया। यह क्षेत्र कान्हा के कोर जोन सूपखार परिक्षेत्र से लगा हुआ है।

बाघ के और अंग की तलाश

टीम के सहायक संचालक सुधीर मिश्रा ने बताया है कि तीन तस्करों से बाघ के अंग मिले। इसके साथ शेष अंग  हडृडी, चमड़ा के लिए जबलपुर का डॉग स्क्वाड दल राज्य सीमा क्षेत्र में सर्च कर रहा है। बाघ का शिकार कहां और कब किया गया इसकी अभी जानकारी नहीं मिल सकी लेकिन आरोपी तस्करों से लगातार पूछताछ जारी है। इसमें और आरोपी हो सकते है। बाघ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अनुच्छेद एक प्राणी है। शिकार और अवयव रखने पर  आरोपियों को सात साल की सजा हो सकती है। इसके पहले भी टीम ने विशेष अभियान चलाकर एक तेदुआ का चमड़ा, विलुप्त प्रजति का कछुआ के मामले को पकड़ा है।

तीन तस्करों से बाघ के अंग मिले है। पूछताछ चल रही है। तस्करों के नेटवर्क में और कौन है इसके साथ घटना कब हुई इसका पता लगाया जा रहा है- संजय शुक्ल डायरेक्टर केटीआर

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