ट्रेन हादसे में पैर गवां चुके युवक को जिला अस्पताल में दो घंटे नही मिली एम्बूलेंस, भटकती रही मॉ

जिला अस्पताल में लापरवाही ट्रेन हादसे में पैर गवां चुके युवक को जिला अस्पताल में दो घंटे नही मिली एम्बूलेंस, भटकती रही मॉ

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-12 11:34 GMT
ट्रेन हादसे में पैर गवां चुके युवक को जिला अस्पताल में दो घंटे नही मिली एम्बूलेंस, भटकती रही मॉ

डिजिटल डेस्क, मंडला। नैनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम जेवनारा में ट्रेन की चपेट में आकर पैर गवां चुके 18 वर्षीय युवक को जिला अस्पताल में प्रबंधन की लापरवाही का सामना करना पड़ा है। यहां करीब दो घंटे तक रेफर के बाद एम्बूलेंस नही मिली है। इस दौरान युवक की मॉ अस्पताल में भटकती रही है। नैनपुर के समाजसेवी के द्वारा सिविल सर्जन, कलेक्टर से चर्चा करने के बाद बमुश्किल से 108 नसीब हो पाई है। दोपहर 3 बजे मंडला जिला अस्पताल से युवक को जबलपुर रेफर किया गया है।

नैनपुर थाना प्रभारी जनक सिंह ने बताया है कि आकाश कुम्हरे पिता दीवानी कुम्हरे 18 वर्ष निवासी जेवनारा शाम को घर से निकला था, रात्रि करीब 12 बजे वह ट्रेन की पटरी क्रॉस करते समय मालगाडी की चपेट में आ गया। जिससे युवक के दोनो पैर कट गये है। इसकी जानकारी युवक के पिता को दी गई। जिसके बाद युवक को उपचार के लिए रात्रि करीब 1 बजे नैनपुर में भर्ती कराया गया। यहां से मंडला रेफर कर दिया गया। जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद युवक के पैर से रक्त स्त्राव रोका गया और ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराया गया। इसके अलावा युवक के पैर ऑपरेट करने की तैयारी थी, लेकिन फिर सुबह करीब 11 बजे रेफर करने के लिए कह दिया है। करीब दोपहर 1 बजे रेफर होने के बाद युवक को जबलपुर ले जाने के लिए एम्बूलेंस नही मिल रही थी। करीब दो घंटे तक युवक की और परिजन भटकते रहे।

प्रशासनिक अधिकारियों से मांगी मदद-

यहां एम्बूलेंस नहीं मिलने की स्थिति में युवक की मॉ ने नैनपुर के समाजसेवी सत्यनारायण खंडेलवाल को कॉल लिया। जिसके बाद उन्होंने सिविल सर्जन से दो बार और कलेक्टर से भी युवक को एम्बूलेंस उपलब्ध कराने के लिए मदद मांगी। तब कही जाकर डेढ़ घंटे बाद युवक को 108 नसीब हुई है। दोपहर करीब 3 बजे युवक को जबलपुर उपचार के लिए ले जाया गया है।

जिला मुख्यालय के 108 बंद पड़ी-

यहां बता दे कि आकस्मिक सेवा के लिए संचालित 108 एम्बूलेंस का ठेका बदल गया है लेकिन अभी मंडला और महाराजपुर में नये वाहन नही आये है। यहां महाराजपुर का 108 वाहन सुधरने के लिए पड़ा हुआ है। मंडला में वाहन नही है, बम्हनी की एम्बूलेंस भी नैनपुर गई थी, जिसके चलते घुघरी से 108 वाहन को बुलाना पड़ा है। घुघरी की 108 से युवक को जबलपुर भेजा गया है। यहां मंडला और महाराजपुर की 108 ऑफरोड होने के कारण यह समस्या बनी रहती है।

डॉ.कृपराम शाक्य, (सीएस मंडला) का कहना है कि यहां युवक को रेफर करने के लिए रक्तस्त्राव रोका गया और ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराया गया। युवक को रेफर करने के बाद घुघरी से 108 वाहन बुलाकर जबलपुर भेजा गया है, घुघरी से वाहन आने में थोडा समय लगा है। 

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