अब मजदूरों को मिलेगा 100% बोनस- 1939 परिवार को बांटे 1 करोड़ 86 लाख रुपए
तेंदूपत्ता संकलन अब मजदूरों को मिलेगा 100% बोनस- 1939 परिवार को बांटे 1 करोड़ 86 लाख रुपए
डिजिटल डेस्क, नागपुर। तेंदूपत्ता संकलन करने वाले मजदूरों की लॉटरी लग गई है। सरकार की ओर से तेंदूपत्ता कलेक्शन पर काटा जाने वाला एडमिनिस्ट्री चार्ज अब नहीं कटेगा, जिससे मजदूरों को 100 प्रतिशत बोनस में बांटा जा रहा है। पेंच व्याघ्र प्रकल्प में अब तक 1,939 परिवार को इसका लाभ मिला है। वन विभाग ने कुल 1 करोड़ 86 लाख रुपए का राजस्व बांटा है, जो पिछले साल की तुलना चार गुना ज्यादा है। ऐसे में अब तेंदूपत्ता कलेक्शन कर उदरनिर्वाह करने वाले मजदूरों को मजदूरी के साथ 100 प्रतिशत बोनस का लाभ भी मिलने से उनकी गरीबी दूर होने की उम्मीद की जा सकती है।
वन्यजीवों के बीच संकलन करना आसान नहीं : बाजार में मिलने वाली बीड़ी का सीधा संबंध जंगल से है। जंगलों के कुछ हिस्सों में उगने वाले तेंदूपत्ता को मजदूरों के माध्यम से जमा किया जाता है और कारखानों को बेचा जाता है। जिसके बाद इसकी बीड़ी बनाकर बाजार में बेची जाती है। इन पत्ते का संकलन करना आसान नहीं होता है, क्योंकि जंगल में वन्यजीवों के बीच संकलन करना खतरनाक होता है, लेकिन ग्राम निवासी अपनी जान खतरे में डालकर तेंदूपत्ता का संकलन कर प्रतिदिन मजदूरी हासिल करते हैं और अपना घर खर्च चलाते हैं। तेंदूपत्ता संकलन के लिए प्रतिदिन मजदूरी देने के साथ ही बोनस के रूप में मजदूरों को पूरे स्टॉक पर बोनस दिया जाता है, जो मजदूरों की आर्थिक हालात सुधारता है।
गत वर्ष 1812 परिवारों के लिए मिले थे 49 लाख रुपए : गत वर्ष 1812 परिवारों को तेंदूपत्ता संकलन के लिए मात्र 49 लाख रुपए ही दिए गए थे, क्योंकि राज्य सरकार से मिलने वाली एकत्र राशि पर एडमिनिस्ट्री चार्ज के रूप में 60 प्रतिशत की कटौती की गई थी, जिससे मजदूरों को नाममात्र बोनस मिला था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।
कुल संकलन पर अब तक राज्य सरकार की ओर से एडमिनिस्ट्रेशन चार्ज काटा जाता था। यही कारण था कि, करोड़ों का बोनस बनने के बाद भी मजदूरों को बहुत कम बोनस मिलता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि सरकार के नए दिशा-निर्देश के अनुसार 100 प्रतिशत संग्राहकों को तेंदूपत्ता बोनस के रुप में 100 प्रतिशत राजस्व देने की घोषना की गई है। ऐसे में इस साल कुल पेंच के बफर के पवनी व नागलवाड़ी में 1939 परिवार ने तेंदूपत्ता संकलन का काम किया है। जिसके बदले में 1 करोड़ 86 लाख रुपए का राजस्व परिवार को बांटा गया है।