पाइप न सोख्ता बन गया शौचालय -ओडीएफ के नाम पर खेली सरकारी धन की फाग

पाइप न सोख्ता बन गया शौचालय -ओडीएफ के नाम पर खेली सरकारी धन की फाग

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-18 07:33 GMT
पाइप न सोख्ता बन गया शौचालय -ओडीएफ के नाम पर खेली सरकारी धन की फाग

डिजिटल डेस्क,शहडोल । जिले को भले ही ओडीएफ घोषित कर दिया गया हो, लेकिन जमीनी हकीकत  कुछ और ही है। गांवों में शौचालय निर्माण के नाम पर सिर्फ ईट का घेरा बना दिया गया। ठीक से न तो गड्ढे बने, न सोख्ता और न ही पाइप डाले गए। निस्तार लायक नहीं होने के कारण ग्रामीण महिला-पुुरुषों को मजबूरी में बाहर जाना पड़ता है। स्वच्छता मिशन से जुड़े अधिकारियों और जनपद स्तर पर किए गए खुले में शौच से मुक्त होने के दावों की सच्चाई को जानने के लिए दूर दराज नहीं, बल्कि मुख्यालय से लगे जनपद पंचायत सोहागपुर के देवगवां पंचायत का ही निरीक्षण कर लिया जाए तो सारी सच्चाई अपने आप सामने आ जाएगी। जिला मुख्यालय से करीब 5-7 किलोमीटर दूर इस पंचायत में कहने को तो 350 से अधिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है, लेकिन उपयोग लायक मुश्किल से 8-10 ही होंगे। शौचालय निर्माण के लिए पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा किस कदर भ्रष्टाचार किया गया है यह इसी से जाहिर होता है कि पूर्व में मर्यादा अभियान के तहत बने जर्जर हो चुके शौचालयों का रंग रोगन कर स्वच्छता मिशन के तहत बनाया जाना दर्शाकर राशि हजम कर ली। आज वे शौचालय भी लकड़ी और कण्डा रखने के काम आ रहे हैं। शौचालयों में अभी भी मर्यादा अभियान के लगे दरवाजे खुद ही हकीकत बयां कर रहे हैं।
 

मर्यादा व मिशन दोनों में घालमेल
गौरतलब है कि वर्ष 2014 तक मर्यादा अभियान के तहत 8-8 हजार रुपये से हितग्राहियों के यहां शौचालय बनने थे। योजना में पात्र हितग्राहियों के यहां निर्माण कार्य ठेका से कराए गए। निर्माण इतना घटिया था कि उपयोग के पहले ही धराशायी होने लगे। इसके बाद स्वच्छ भारत मिशन आया, जिसमें हितग्राहियों को 12-12 हजार रुपये से शौचालय बनाने थे। देवगवां ग्राम पंचायत के सेमरिहा, कटहरी, जरवाही तथा देवगवां में बने 350 शौचालयों में करीब आधे में मर्यादा अभियान के ही दरवाजे लगे हुए हैं। अनेक हितग्राहियों ने बताया कि पूर्व से बने शौचालयों को रंग रोगन कराकर उनके खाते में आई राशि यह कहकर बैंक में ही ले गई कि काम हमने कराया है। बीच में हुई शिकायत पर जांच के दौरान यह कहकर पल्ला झाड़ लिया गया कि हितग्राहियों के खातों में राशि आई, जबकि लोगों ने बयान भी दिए कि बैंक से रोजगार सहायक व सचिव द्वारा पैसे ले लिए गए।
 

शौचालयों में दरवाजे मर्यादा अभियान के लगाए
एक ही परिवार के अलग-अलग हितग्राहियों के लिए शौचालय तो बनवाए गए, लेकिन तीनों को एक साथ जोड़कर। तीन शौचालयों में 6 दीवार होने चाहिए, लेकिन अनेक घरों में केवल 5 दीवारों से तीन शौचालय बनवा दिए गए। यह एक दो नहीं बल्कि अनेक घरों में यह देखने को मिल जाएंगे। तीन शौचालयों के लिए केवल एक ही गड्ढा बना है, उसमें भी पाइप नहीं डली है। ऐसे में उपयोग कैसे होता होगा अंदाजा लगाया जा सकता है।
 

इनका कहना है

शौचालय निर्माण कराया गया है लेकिन उपयोग तो हितग्राहियों को ही करना है। ऐसा भी नहीं कि एक भी उपयोग लायक नहीं है। राजू कुशवाहा, सचिव देवगवां

मॉनीटरिंग और जांच का कार्य जनपद का है। अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि जांच कर उचित कार्रवाई करें। अशोक ओहरी, प्रभारी सीईओ जिला पंचायत
 

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