वित्तीय अनियमितता वाली समितियों से करें राशि की वसूली
खाद्य विभाग के पीएस ने दिए कार्रवाई के निर्देश, उपार्जन व मिलिंग की समीक्षा वित्तीय अनियमितता वाली समितियों से करें राशि की वसूली
डिजिटल डेस्क शहडोल । प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण विभाग फैज अहमद किदवई की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में शहडोल संभाग में धान उपार्जन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सहकारी समितियों के भुगतान की समीक्षा के दौरान प्रमुख सचिव खाद्य ने कहा कि जिन सहकारी समितियों में वित्तीय अनियमितताएं एवं अन्य अनियमितताएं हुई है ऐसी सहकारी समिति के जवाबदेह अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जवाबदेही तय करते हुए उनसे राशि की वसूली की जाए। बताया गया है कि उमरिया जिले में ही करीब 45 लाख से अधिक की गड़बड़ी सहकारी समितियों की सामने आई है। बैठक में कमिश्नर राजीव शर्मा, संचालक खाद्य विभाग दीपक सक्सेना, संचालक खाद्य तरूण पिथोडे, कलेक्टर शहडोल वंदना वैद्य, अनूपपुर सोनिया मीणा, अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा एवं उमरिया अपर कलेक्टर अशोक ओहरी सहित खाद्य, सहकारिता विभाग, नागरिक आपूर्ति निगम एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
जहां किसान बढ़े वहां करें जांच
पीएस ने निर्देश दिए कि जिन सहकारी समितियों जैसे शिल्पा, देवगांव, जैतपुर में पंजीकृत किसानों की संख्या में पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष अचानक बढोत्तरी हुई है ऐसी सहकारी समितियों की जांच की जाए। प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि धान उपार्जन के समय उपार्जन केन्द्रों में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नही होना चाहिए। यथासंभव सहकारी समितियों में धर्मकांटे लगाना भी सुनिश्चित किया जाए। धान भण्डारण के लिए कैप का निर्माण किया जाए। प्रमुख सचिव खाद्य ने निर्देश दिए कि उपार्जन केन्द्रों में धान उपार्जन केन्द्रों के बाद सात दिवसों की समयावधि में राशि का भुगतान कराएं। उपार्जन केन्द्रों से धान का परिवहन समय पर हो इसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।
धान मिलिंग की गति बढ़ाने निर्देश
संभाग में धान मिलिंग की समीक्षा के दौरान प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति ने निर्देशित करते हुए कहा कि धान मिलिंग की स्थिति ठीक नही हैं। इस कार्य में तेजी लाएं। बैठक में धान उपार्जन की तैयारियों की जिलेवार समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि धान उपार्जन के लिए संभाग के सभी धान उपार्जन केन्द्रों में माकूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उपार्जन केन्द्रों में किसानों के लिए बेहतर व्यवस्थाएं होनी चाहिए। जिन किसानों का पंजीयन धान उपार्जन के लिए किया गया है उनका सत्यापन तहसीलदार के माध्यम से कराएं तथा धान उपार्जन के लिए पंजीकृत किसानों की सूची ग्राम पंचायतों में एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों में चस्पा कराएं।