प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए 297 लाख रुपए की एकमुश्त सामग्री खरीदी

अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रख कराई सप्लाई प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए 297 लाख रुपए की एकमुश्त सामग्री खरीदी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-18 08:35 GMT
प्री-प्राइमरी कक्षाओं के लिए 297 लाख रुपए की एकमुश्त सामग्री खरीदी

डिजिटल डेस्क,शहडोल। नई शिक्षा नीति में प्रयोग के तौर पर जिले के 297 स्कूलों में केजी-वन व केजी-टू की कक्षाएं चालू कर प्रत्येक स्कूल में लगभग एक-एक लाख रुपए की सामग्री सप्लाई की गई। इसमें खिलौने, टीवी, बच्चों के लिए प्लास्टिक की कुर्सी व दूसरी सामग्री शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि बच्चों के लिए सामग्री की खरीदी स्कूलों को करनी थी, लेकिन सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर एकमुश्त खरीदी की और स्कूलों को सप्लाई कर दी। मामला सामने आने के बाद अब सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी स्कूलों द्वारा सामग्री खरीदी करना बता रहे हैं तो स्कूलों के प्रभारी दो टूक कह रहे हैं कि सामग्री उपर से भेजी गई है। यह किसी घोटाले से कम नहीं है। कुल सामग्री खरीदी 297 लाख रुपए से अधिक का बताया जा रहा है।

पिपरिया व सोहागपुर में धूल खा रही सामग्री, अन्य स्कूलों का भी यही हाल

केजी-वन और केजी-टू की कक्षाओं में बच्चों के लिए भेजी गई सामग्री का हाल जानने भास्कर की टीम दो स्कूलों में पहुंची। यहां बच्चे सामग्री का उपयोग करते नहीं दिखे। सामग्री कमरे में धूल खा रही है। प्राथमिक विद्यालय सोहागपुर में दोनों कक्षाओं के लिए लगभग 7 बच्चे ही है। वे भी बुधवार को स्कूल नहीं आए थे। संस्था प्रभारी मरियम फतिमा ने बताया कि कक्षा प्रभारी आज नहीं आई हैं। कमोबेश ऐसी ही स्थिति प्राइमरी स्कूल पिपरिया में रही। यहां प्रभारी मिथिलेश नामदेव मैडम ने बताया कि दोनों कक्षाओं के लिए 15 बच्चे हैं। यहां सामग्री धूल खा रही थी।

5 विकासखंड में 297 स्कूल

विकासखंड   स्कूल
सोहागपुर       59
जयसिंहनगर  23
रगोहपारु       52
बुढ़ार            75
ब्यौहारी        88

(इतने स्कूल चिन्हित कर सप्लाई की गई सामग्री)

शिक्षकों का इंतजाम नहीं, सामग्री पर पहले ध्यान
अभिभावकों का कहना है कि एक ओर केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है। दूसरी ओर यहां जिन स्कूलों में केजी-वन व केजी-टू की कक्षाएं चालू की गई तो वहां ज्यादातर स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षकों का इंतजाम ही नहीं है। इन स्कूलों में प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों से अध्यापन की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इन सबके बीच जिम्मेदारों ने शिक्षकों का इंतजाम करने से पहले सामग्री खरीदी पर ज्यादा ध्यान दिया।

- डीपीसी मदन त्रिपाठी ने नहीं दिया जवाब:
जिलेभर के 297 स्कूलों में केजी-वन व केजी-टू के लिए सामग्री सप्लाई के बारे में डीपीसी मदन त्रिपाठी से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी जवाब नहीं दिया।

-केजी-वन और केजी-टू कक्षाओं के लिए सामग्री खरीदी का प्रावधान स्कूलों के लिए था, तो खरीदी भी वहीं से होनी चाहिए। पता करवाते हैं। पूरे मामले की जांच करवाएंगे।

अर्पित वर्मा (प्रभारी कलेक्टर शहडोल)
 

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