दीप पर्व पर अपनों का इंतजार करती रहीं बूढ़ी निगाहें
गोंदिया दीप पर्व पर अपनों का इंतजार करती रहीं बूढ़ी निगाहें
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. दीप पर्व ऐसा त्यौहार है, जिसे उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने के लिए कितने भी दूर क्यों न हो? वह अपने घर पहुंचकर परिजनों के साथ उत्सव मनाता है। लेकिन गोंदिया के नगर परिषद द्वारा संचालित रैनबसेरा में उदरनिर्वाह करनेवाले बुजुर्ग इस दिन अपनों का ही बेसब्री से इंतजार करते रहे। लेकिन उनके परिवार का कोई सदस्य उन्हें लेने नहीं आया। पूरे देश में 24 अक्टूबर को दीपावली का उत्सव मनाया जा रहा था तो दूसरी ओर गोंदिया शहर के रैनबसेरा में निवासरत 20 से 25 बुजुर्ग रैनबसेरा में ही रहकर अपनों की राह देख रहे थे। लेकिन कोई भी बुजुर्गों के परिजन उन्हें लेने नहीं पहुंचे। बताया गया है कि शहर में जितने भी बेघर है अर्थात परिजनों से दुखी होकर मजबूरन घर छोड़कर शहर के फूटपाथों पर रह रहे हैं, ऐसे बेसहारा व्यक्तियों को नगर परिषद द्वारा संचालित रैनबसेरा में सहारा दिया जाता है। जहां पर भोजन व निवास की व्यवस्था की जाती है। वर्तमान में 20 से 25 बुजुर्ग हैं, जिनमें से अधिकांश शहर के ही बुजुर्गों का समावेश है। दीपावली पर्व पर इन बुजुर्गों को आस थी कि कोई न कोई अपना रैनबसेरा में आकर कम से कम एक दिन के लिए तो भी घर ले जाएगा, लेकिन उनकी आंखे तरसती रही अौर कोई भी सदस्य उन्हें लेने नहीं पहुंचा तो रैनबसेरा के कर्मचारियों ने उनके साथ दीपावली का उत्सव मनाकर उन्हें अपनेपन का अहसास दिलाया। रैनबसेरा में आसरा लेनेवाले सभी बुजुर्गों को मिठाइयां, विभिन्न प्रकार की सब्जियों के साथ भोजन परोसा गया। वहीं उनके साथ खुशी की दीपावली मनाई गई।
अचानक बिगड़ गई तबीयत
दीपावली पर्व पर ही रैनबसेरा में रहनेवाले एक बुजुर्ग की अचानक तबीयत बिगड़ गई तो कर्मचारियों ने उसे तत्काल मेडिकल कालेज भर्ती कराया। जहां पर चिकित्सकों ने बताया कि हालत चिंताजनक है। उसके शरीर में मात्र चार मिलीग्राम ही रक्त है। जिसे तत्काल रक्त की आवश्यकता है। शहर के समाजसेवी रुपाली उके, अश्विनी पेंढारकर तथा अन्य समाजसेवी रक्त देने पहुंच गए और कुछ ही देर में चार यूनिट रक्त संकलित कर उपरोक्त बुजुर्ग को रक्त दिया गया। इसी प्रकार चिकित्सकों ने दवाइयां भी बताई। जिसकी व्यवस्था शहर के अंकित डोडानी द्वारा की गई। अब बुजुर्ग का स्वास्थ्य खतरे से बाहर है। इसके लिए रैनबसेरा के प्रबंधक धनराज बनकर, पूर्णप्रकाश कुथेकर, राजेंद्र लिल्हारे, प्रदीप गणवीर, नीलेश बोरकर प्रयासरत है।