दाना बाजार के व्यवसायियों का मनपा को नोटिस, 15 को सुनवाई
कड़ाई दाना बाजार के व्यवसायियों का मनपा को नोटिस, 15 को सुनवाई
डिजिटल डेस्क, अकोला. मनपा क्षेत्र के दाना बाजार की जगह को लेकर 30 नवंबर को उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। न्यायालय ने नियमानुसार प्रक्रिया चलाकर कार्रवाई करने के आदेश मनपा प्रशासन को दिए थे। पश्चात न्यायालय के आदेश के तहत मनपा के उत्तर जोन अधिकारी ने 78 व्यवसायियों को नोटिस जारी किए है, जिसमें 15 दिसंबर को सुनवाई के लिए बुलाया गया। लिखित व मौखिक जवाब सुनने के बाद मनपा की ओर से आगे की कार्रवाई को लेकर निर्णय लिया जाएगा। इस कारण नोटिस की वजह से व्यवसायियों में हड़कम्प मच गया है।
7 दिन का अवसर
मनपा की ओर से नोटिस जारी कर सात दिनों में जगह पर किया गया कब्जा वैध होने के दस्तावेज पेश करने को कहा गया है। 15 दिसंबर को क्षेत्रीय अधिकारी कार्यालय में दस्तावेजों के साथ उपस्थित रहकर व्यवसायियों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है। ऐसा न करने पर अतिक्रमण निष्कासित कर लगनेवाला खर्च संबंधित व्यवसायी से वसूल किया जाएगा।
बता दें कि शहर के मध्य में स्थित सीट क्रं 39 बी, भूखंड क्र.12, 54/1 यह सरकारी संपत्ति है, जिस पर वर्तमान समय में दाना बाजार है। तत्कालीन नगर परिषद के कार्यकाल में इस जगह पर दैनिक व्यवसाय करने के लिए शहर के लघु व्यवसायियों को अनुमति दी गई थी। पिछले कई सालों से एक ही स्थान पर इन व्यवसायियों ने पक्के तथा टीनशेड़ खडे कर अपना व्यवसाय संचालित किया। जिससे शासन की शर्तो का उल्लंघन हुआ। इस आशय की शिकायत एक व्यवसायी ने जिलाधिकारी कार्यालय में की थी। दुकानों का अतिक्रमण कायम होने से जिला प्रशासन ने मनपा को अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। 4 नवंबर को मनपा आयुक्त, जिलाधिकारी ने संबंधित व्यापारियों काे दुकाने खाली करने के आदेश दिए थे। जिनमें दाना बाजार की 60 तथा सराफा बाजार की 27 दुकानें शामिल थी। मनपा ने 4 नवंबर को जगह की मार्किंग भी की। जिसके बाद व्यापारियों ने दुकान हटाने के लिए समय मांगा। 7 दिन का समय देने के बाद भी दुकाने खाली नहीं हुई। जिससे सोमवार 28 नवंबर को पुलिस बंदोबस्त में दाना बाजार व सराफा बाजार पर कार्रवाई आरंभ की गई। उत्तर जोन के क्षेत्रीय अधिकारी विट्ठल देवकते, नगररचना विभाग व अतिक्रमण निर्मूलन दल ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। नौ दुकानें जमीनदोज की गई, लेकिन विरोध के कारण कार्रवाई रोकी गई। बाद में 30 नवंबर का इंतजार किया जा रहा था। उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में हुई सुनवाई के बाद न्यायालय ने अकोला महानगरपालिका को दुकानें हटाने से पूर्व आवश्यक खानापूर्ति को पूरा करने के आदेश दिए। नोटिस समेत आवश्यक कार्यवाही के बाद मनपा दुकानें हटा सकेगी। न्यायालय के निर्देश अनुसार अकोला मनपा के क्षेत्रीय अधिकारी विठ्ठल देवकते ने 87 में से 78 व्यवसायियों को नोटिस जारी किए। 9 दुकानें 28 नवंबर की कार्रवाई के दौरान निष्कासित की गई थी।