मलेरिया रोकथाम के लिए नहीं हो रहे प्रयास, गांवों के साथ नगर भी बदहाल

मलेरिया रोकथाम के लिए नहीं हो रहे प्रयास, गांवों के साथ नगर भी बदहाल

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-14 12:39 GMT
मलेरिया रोकथाम के लिए नहीं हो रहे प्रयास, गांवों के साथ नगर भी बदहाल

डिजिटल डेस्क, मंडला। बारिश के बाद साफ हुए मौसम से मच्छर की तादाद बढ़ गई है। इन दिनों मण्डला में लोग मच्छर से परेशान है। नगर प्रशासन और मलेरिया विभाग की उदासीनता के चलते मण्डला और ग्रामीण इलाकों में मच्छर की बढ़ोत्तरी से लोगो के साथ ही जानवर भी प्रभावित है। बताया जा रहा है कि मलेरिया रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयास नाकाफी है।

मंडला देश का पहला जिला है, जहां मलेरिया मुक्त बनाने के लिए काम शुरू किया गया है। करीब एक साल होने को है लेकिन रोकथाम के प्रयास नहीं हो रहे हैं। सन फार्मा ने करार कर मंडला को मलेरिया रोग मुक्त करने का काम लिया है। लेकिन यहां मच्छर के लार्वा को नष्ट करने के लिये कोई काम नहीं किया जा रहा है। औषधीय पावडर कीट नाशक का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा है।

मलेरिया विभाग पिछले जून माह में मलेरिया रोग से जन जागरुकता के लिए, मलेरिया रथ को गांवो में भ्रमण के लिए निकाला गया। आरोप है कि यह जागरूकता का रथ कागजों पर चला दिए गए है। रथ का वाहन कहीं-कहीं पहुंचा, लेकिन कार्यक्रम औपचारिक बन कर रह गया है। और तो और मलेरिया विभाग द्वारा गांवो में मच्छर से बचने के लिए, मच्छर दानियों का वितरण दिखावा बना हुआ है। गांव के इलाकों में मच्छर को मारने का कीट नाशक पावडर का छिड़काव भी नहीं किया गया है। यहां विभाग के पास, किसी भी प्रकार की नाशक दवा उपलब्ध ही नहीं थी जिसके कारण गांव के वर्कर मलेरिया माह में छिड़काव का काम शुरू नहीं कर पाए।

 

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