निजी वाहनों के अलावा नहीं बचा कोई विकल्प, एसटी बसें बंद होने से यात्री त्रस्त
गोंदिया निजी वाहनों के अलावा नहीं बचा कोई विकल्प, एसटी बसें बंद होने से यात्री त्रस्त
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। विगत 50 दिनों से एसटी बस चालक-वाहक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हुए है। जिस कारण बस सेवा बंद है। यात्रियों को असुविधा महसूस हो रही है, लेकिन अब निजी यात्री वाहनों का सहारा यात्रियों को मिलने से एसटी बसों का इंतजार न करते हुए निजी यात्री वाहनों से सफर कर अपना काम पुरा कर रहे है। अब तक ग्रामीण क्षेत्रों तक आटो, पहुंच रहे है। जिस कारण धीरे-धीरे यात्रियों की समस्या हल होती जा रही है। बता दें कि रापनि विभाग को सरकारी सेवा में शामिल किया जाए इस मुख्य मांग को लेकर बस चालक, वाहक व अन्य कर्मचारियांे ने 31 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल गोंदिया व तिरोड़ा डिपाे के सामने शुरू कर दी है। सरकार द्वारा मानधन में बढ़ोत्तरी कर हड़ताल समाप्त करने की बात कहीं है। किंतु कर्मचारियों द्वारा हड़ताल जारी रखी गई है। जिस कारण विगत 50 दिनों से अधिक से बस सेवा पुरी तरह से बंद है। शुरूआत में यात्रियों को यात्रा करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब धीरे-धीरे यात्रियों की समस्या कम होने लगी है। क्याेंकि निजी यात्री वाहन चालकों ने यात्री सेवा बढ़ा दी है। इतना ही नहीं तो जितना एसटी बस का किराया था उसी किराए पर यात्रा करा रहे है। यहां तक की ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब ऑटो चालक यात्रियों को पहुंचा रहे है। यात्रियों के जुबान से अब धीरे-धीरे एसटी बस का नाम निकलना बंद सा हो गया है। यदि इसी तरह लंबे अंतराल तक बस सेवा बंद रही तो यात्री लालपरी को भूल जाएंगे।