नवविवाहिता को ससुराल वालों ने जलाकर मार डाला , पुलिस ने 6 माह तक दर्ज नहीं किया मामला 

नवविवाहिता को ससुराल वालों ने जलाकर मार डाला , पुलिस ने 6 माह तक दर्ज नहीं किया मामला 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-23 07:58 GMT
नवविवाहिता को ससुराल वालों ने जलाकर मार डाला , पुलिस ने 6 माह तक दर्ज नहीं किया मामला 

डिजिटल डेस्क, शहडोल। ब्यौहारी थाना पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। ग्राम भन्नी में नवविवाहिता को ससुरालवालों ने मिट्टी का तेल डालकर जला दिया। पीड़िता ने कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के सामने मृत्युपूर्व बयान दर्ज कराया। बाद में रीवा में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, लेकिन पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं की। पीड़िता के पिता ने एसपी के पास भी गुहार लगाई, फिर भी पुलिस का दिल नहीं पसीजा। मामले में विवेचना अधिकारी से लेकर एसडीओपी तक की लापरवाही सामने आई है। मामला पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गया है। आईजी शहडोल रेंज एसपी सिंह ने पूरे प्रकरण की विभागीय जांच शुरू करा दी है। एडिशनल एसपी प्रवीण सिंह को मामले की जांच सौंपी गई है। मामले में ब्यौहारी थाने में पदस्थ तत्कालीन प्रधान आरक्षक वीरेंद्र तिवारी, तत्कालीन उपनिरीक्षक गोविंद भगत, तत्कालीन थाना प्रभारी निरीक्षक हेमंत बर्वे व गोपाल सिंह परिहार और तत्कालीन एसडीओपी वीपी सिंह की लापरवाही सामने आई है।

सितंबर की घटना, अप्रैल में मामला दर्ज

ब्यौहारी थाना अंतर्गत ग्राम भन्नी निवासी माया उर्फ मायावती पति सुखलाल चौधरी (20) को 5 सितंबर 2018 को गंभीर रूप से झुलसने के बाद ब्यौहारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। इसकी जानकारी 5 सितंबर को ही ब्यौहारी थाने को दे दी गई थी। 6 सितंबर को मायावती का मृत्यु पूर्व कथन कार्यपालिक मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार ब्यौहारी ने दर्ज किया। इसमेें उसने कहा था कि उसकी शादी डेढ़ वर्ष पूर्व हुई थी। सास की शह पर पति द्वारा मारपीट की गई और सास गीता बाई द्वारा मारपीट के बाद मिट्टी का तेल डालकर आग लगाने से जलना बताया था। रीवा में इलाज के दौरान 24 सितंबर को उसकी मौत हो गई। इसके बाद भी थाने में प्रकरण पंजीबद्ध नहीं हुआ। पुलिस की लापरवाही तब सामने आई जब वर्तमान एसडीओपी ने लंबित मर्ग की जांच शुरू की गई।  एसडीओपी उमाकांति आर्मो द्वारा मर्ग की जांच कर 19 अप्रैल 2019 को थाने में धारा 498ए, 304बी, 34 भादवि का मामला दर्ज कर कार्रवाई की गई।
 

हर स्तर पर बरती गई लापरवाही

- 5 सितंबर को ब्यौहारी हॉस्पिटल से जानकारी भेजी गई। वहीं 6 सितंबर को कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के पास पास बयान दर्ज कराए गए, लेकिन विवेचना अधिकारी ने मामला दर्ज नहीं किया। 
- 3 अक्टूबर को थाना प्रभारी के पास कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की ओर से बयान की प्रति भेजी गई। थाना प्रभारी ने कोई एक्शन नहीं लिया। वहीं 1 अक्टूबर को रीवा चौकी से भेजी की गई केस डायरी पुलिस अधीक्षक शहडोल ने 21 दिन बाद अग्रिम कर्रवाई के लिए भेजी। 
- थाना ब्यौहारी में अस्पताल चौकी रीवा से प्राप्त जीरो नंबर की डायरी पर 23 अक्टूबर को मर्ग कायम किया गया।
- मर्ग की जांच उपनिरीक्षक को दी गई। उन्होंने चार बार विवेचना के पर्चे लिखे लेकिन मृतका के नवविवाहिता होने के बाद भी अपराध पंजीबद्ध नहीं किया। 
- तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा मृतका का लिखित कथन होने पर भी अपराध पंजीबद्ध नहीं किया गया और मर्ग जांच के लिए एसडीओपी को नहीं भेजा गया।
- इतना सब कुछ होने के बाद और मृतका के पिता द्वारा अलग से पूरी जानकारी देने के बाद भी तत्कालीन एसडीओपी ने भी प्रकरण पंजीबद्ध नहीं कराया।
 

इनका कहना है

मामले में प्रधान आरक्षक से लेकर एसडीओपी तक की लापरवाही सामने आई है। एडिशनल एसपी को जांच सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के बाद संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।        एसपी सिंह, आईजी शहडोल रेंज
 

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