उपचार में लापरवाही- डाॅक्टर पर लगाया पांच लाख रुपए का जुर्माना
आयोग ने सुनाया फैसला उपचार में लापरवाही- डाॅक्टर पर लगाया पांच लाख रुपए का जुर्माना
डिजिटल डेस्क, यवतमाल. प्रसूति के लिए आई महिला का लापरवाही से उपचार करने से महिला की हालत गंभीर हो गई। गनीमत रही कि जिला सरकारी अस्पताल में सही उपचार मिलने से महिला की जान बच गई। निजी अस्पताल की डॉक्टर पर यह आरोप लगाते हुए महिला के परिजनों ने जिला ग्राहक शिकायत निवारण आयोग में मामला दर्ज किया था। ग्राहक मंच ने हाल ही में अपना फैसला सुनाया। इसमें लापरवाही बरतने के आरोप में डाॅक्टर को 5 लाख रुपए मुआवजा सात फीसदी ब्याज समेत पीड़िता को देने के निर्देश दिए। महिला डॉक्टर के खिलाफ फैसला आने से चिकित्सा जगत में हड़कंप मच गया है। नेर की डाॅक्टर शबिना मिर्जा पर यह जुर्माना लगाया गया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार नेर तहसील की ग्राम लोणाड़ी निवासी ममता राठोड़ प्रसूति के लिए नेर की डाॅ. शबिना मिर्जा के अस्पताल में 18 अगस्त 2016 को भर्ती हुई थी। प्रसूति के बाद उसकी परेशानी बढ़ गई। रक्त तेजी से जा रहा था और दर्द बढ़ता जा रहा था। इससे उसकी जान खतरे में पड़ गई थी।
इसके बाद परिजन तुरंत ममता को यवतमाल में निजी अस्पताल लेकर आए यहां डा. मून और डा. गुजर ने मरीज को जिला सरकारी अस्पताल ले जाने की सलाह दी। जिला सरकारी अस्पताल में उपचार के चलते ममता की जान बच गई। इसके बाद मामला ग्राहक मंच में पहुंचा था।
यहां न्यायालय ने डा. मून और डा. गुजर को दोषमुक्त किया और डा. शबिना मिर्जा को पीड़िता को 5 लाख रुपए 7 फीसदी ब्याज समेत देने के निर्देश दिए हैं। डा. शबिना मिर्जा के पास डीएचएमसीसी जीओ डिग्री है। इसमें उन्हंे सर्जरी करने का अधिकार नहीं है। यह भी आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है। यह आदेश ग्राहक मंच के अध्यक्ष नंदकुमार वाघमारे, सदस्य हेमराज ठाकुर ने पारित किया। मामले में एड. हर्षल राठोड ने पीड़िता की ओर से पैरवी की।