राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग-एनसीएससी ने अनुसूचित जातियों के व्यक्तियों के लिए "ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन पोर्टल" का शुभारम्भ किया!
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग-एनसीएससी ने अनुसूचित जातियों के व्यक्तियों के लिए "ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन पोर्टल" का शुभारम्भ किया!
डिजिटल डेस्क | सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग-एनसीएससी ने अनुसूचित जातियों के व्यक्तियों के लिए "ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन पोर्टल" का शुभारम्भ किया| केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी, विधि और न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रतन लाला कटारिया और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री विजय सांपला उपस्थिति थे।
आज नई दिल्ली में भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर की 130 वीं जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग द्वारा आयोजित एक समारोह में एनसीएससी के उपाध्यक्ष श्री अरुण हलदर, एनसीएससी के सदस्य श्री सुभाष रामनाथ पारधी, एनसीएससी की सदस्य डॉ. अंजू बाला और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अजय प्रकाश साहनी ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर श्री रविशंकर प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि एनसीएससी के ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन पोर्टल का शुभारंभ विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि आज देश भारत के महान दिग्गजों में से एक डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जयंती है।
डॉ. भीम राव अम्बेडकर एक समाज सुधारक और अर्थशास्त्री थे। उन्होंने हमारे समाज के वंचित वर्ग के लोगों और दलित वर्गों के लोगों के उत्थान के लिए काम किया। भारत के संविधान का मसौदा तैयार करने में उनके अपार योगदान को लंबे समय तक याद किया जाएगा। वह चाहते थे कि हमारे देश में सामाजिक असमानता को समाप्त कर दिया जाए। श्री प्रसाद ने डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की नई पहलो का उल्लेख किया, जिसने भारत में बड़ा परिवर्तन किया और देश को सशक्त बनाया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया को हमारे देश में एक जन आंदोलन बनाने की जरूरत है।
श्री रतन लाल कटारिया ने अपने संबोधन में कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय हमारे समाज के कमजोर और वंचित वर्गों के लोगों के सशक्तिकरण और परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह एनसीएससी शिकायत प्रबंधन पोर्टल से हमारे देश की अनुसूचित जाति की लोगों के लिए देश के किसी भी हिस्से से अपनी शिकायत दर्ज कराना आसान हो जायेगा। यह पोर्टल लोगों को अपने आवेदन और अन्य अत्याचार तथा सेवाओं से संबंधित शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने और उनका समयबद्ध तरीके से निपटारा करने में सक्षम करेगा। यह पोर्टल डॉ. भीम राव अम्बेडकर के सपनों को पूरा करेगा।
श्री विजय सांपला ने अपने संबोधन में कहा कि एनसीएससी का उद्देश्य इस पोर्टल के माध्यम से विशेष रूप से अनुसूचित जाति की आबादी की शिकायत निवारण तंत्र को व्यवस्थित करना है। आज लॉन्च किया गया पोर्टल उनके लिए देश के किसी भी हिस्से से शिकायतें दर्ज करना आसान बना देगा। भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस एप्लिकेशन एंड जियोइन्फॉर्मेटिक्स (बीआईएसएजी-एन), भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत उत्कृष्टता केंद्र के सहयोग से बनाया गया पोर्टल, शिकायतों के शुरूआत से अंत तक शिकायतों और उनकी निगरानी की ई-फाइलिंग की सुविधा प्रदान करेगा।
अंत में, सुनवाई प्रक्रिया को ई-कोर्ट की तर्ज पर काम करने का इरादा है। यह पोर्टल आयोग की वेबसाइट से जुड़ा हुआ है और कोई भी व्यक्ति इस पर शिकायत दर्ज कर सकता है। दस्तावेज़ और ऑडियो / वीडियो फ़ाइलों को अपलोड करने की सुविधा भी पोर्टल पर उपलब्ध है। यह शिकायतों और विवादो के वास्तविक रूप से प्रस्तुतीकरण का पूरक होगा। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) का गठन भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत किया गया था।
इसका उद्देश्य समय समय पर लागू किसी भी कानून या भारत सरकार के किसी भी आदेश के तहत अनुसूचित जाति के लिए प्रदान किए गए सुरक्षा उपायों से संबंधित सभी मुद्दों की जांच करना और निगरानी करना है। भारत सरकार का कोई भी आदेश आयोग अनुसूचित जाति के लिए प्रदान किए गए अधिकारों और सुरक्षा उपायों से वंचित करने के संबंध में विशिष्ट शिकायतों की भी जांच करता है।
संविधान और सरकार की नीतियों में अनिवार्य रूप से शामिल एनसीएससी ने अनुसूचित जाति समुदाय के उत्थान के लिए अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत किया है।