New Delhi News: मोहन भागवत ने किया बनाएं जीवन प्राणवान पुस्तक का विमोचन - श्रद्धा में अंधत्व का स्थान नहीं

  • भोगवात ने कहा- श्रद्धा में अंधत्व का कोई स्थान नहीं है
  • बनाएं जीवन प्राणवान पुस्तक का विमोचन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-27 12:53 GMT

New Delhi News : राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि अध्यात्म एवं विज्ञान में कोई विरोध नहीं है। विज्ञान मंे भी और अध्यात्म में भी श्रद्धायुक्त व्यक्ति को ही न्याय मिलता है। अपने साधन एवं ज्ञान का अहंकार जिसके पास होता है, उसे नहीं मिलता है। श्रद्धा में अंधत्व का कोई स्थान नहीं है। डॉ भागवत ने यह बात यहां मुकुल कानिटकर द्वारा लिखित पुस्तक ‘बनाएं जीवन प्राणवान’ के विमोचन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि यह भारतीय सनातन संस्कृति की विशेषता है कि हमने बाहर देखने के साथ साथ अंदर देखना भी प्रारंभा किया। हमने अंदर तह तक जाकर जीवन के सत्य को जान लिया। इसका और विज्ञान का विरोध होने का कोई कारण नहीं है। जानो तब मानो। अध्यात्म में भी यही पद्धति है। साधन अलग है। इस अवसर पर पुस्तक के लेखक मुकु कानिटकर ने कहा कि भारतीय संस्कृति में सब कुछ वैज्ञानिक है। आयुर्वेद, वास्तुशास्त्र, स्थापत्य के साथ ही दिनचर्या और ऋतुचर्चा के सभी नियम भी बिना कारण के नहीं है। ‘बनाएं जीवन प्राणवान’ पुस्तक भारतीयता के गूढ़ रहस्यों और हिंदुत्व के सनातन दर्शन पर आधारित है।


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