कान्हा में अब नहीं गूँजेगी मुन्ना बाघ की दहाड़, भोपाल वनविहार में तोड़ा दम
कान्हा में अब नहीं गूँजेगी मुन्ना बाघ की दहाड़, भोपाल वनविहार में तोड़ा दम
डिजिटल डेस्क मंडला। माथे पर कैट लिखी धारियों के लिए प्रसिद्ध टी-17 मुन्ना बाघ किंग ऑफ कान्हा की दहाड़ अब नही सुनाई देगी। कान्हा नेशनल पार्क में बादशाहत रखने वाले मुन्ना सबसे ज्यादा उम्रदराज टाइगर ने भोपाल वनविहार में सुबह दम तोड़ दिया है। मुन्ना ने कान्हा नेशनल पार्क में पर्यटकों ने दिल पर राज किया है। मुन्ना की मौत की खबर ने जिले के पर्यटकों को निराश और गमगीन किया है। जानकारी के मुुताबिक कान्हा नेशनल पार्क मे वर्ष 2003 में जन्मा टी-17 मुन्ना कान्हा का सबसे उम्र दराज टाइगर था। मुन्ना की माथे पर धारियों से कैट (सीएटी) लिखा था, जिसके कारण मुन्ना को सुपर कैट के नाम से भी जाना जाता रहा है। मुन्ना को 23 अक्टूबर 2019 को बम्हनी परिक्षेत्र से निश्चेतन कर बाघ को वनविहार भोपाल शिफ्ट किया गया था। चुस्ती फु र्ती खो देने के साथ कमजोर होने बाद भी वह पर्यटको की पहली पसंद बना रहा। देसी-विदेशी सैलानी मुन्ना को देखने आते थे, मुन्ना पर्यटकों के बीच लोकप्रिय इसलिए भी था कि उसे फोटोग्राफी कराने का शौक था।
मुन्ना को दिया याद-
मुन्ना की मृत्यु की खबर से कान्हा नेशनल पार्क के खटिया गेट में उसे याद किया गया। यहां पर्यटक, गाइड जिप्सी चालको ने मुन्ना को याद किया। उन्होने यहां कहा कि देश-विदेश में कान्हा की पहचान में मुन्ना का अहम योगदान रहा है। मुन्ना को श्रृद्धासुमन अर्पित किये गये। कान्हा से वनविहार शिफ्ट होने के बाद पर्यटको, गाइड और जिप्सी चालकों को निराशा थी लेकिन इस बात की तसल्ली भी थी, कि मुन्ना सुरक्षित है लेकिन मुन्ना की मृत्यु की खबर ने कान्हा से जुड़े लोग पर्यटकों की आंखे नम कर दी।