विवाह का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म

अकोला विवाह का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म

Bhaskar Hindi
Update: 2022-08-19 13:16 GMT
विवाह का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म

डिजिटल डेस्क, अकोला. विवाह का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म करने के मामले में न्यायालय ने आरोपी को विविध धाआरों के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। प्राप्त जानकारी अनुसार पातूर पुलिस थाने में पीड़िता के पिता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि पातूर के पाचरण निवासी आरोपी देवीदास ढोके ने विवाह का झांसा देकर नाबालिग से दुष्कर्म किया। विवाह से इन्कार करते हुए किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376, 407, 450, 506 पास्को धारा 4, 5 एच 2 एल, 6, 8 के तहत अपराध दर्ज किया।  पश्चात दोषारोपपत्र न्यायालय में पेश किया गया। जिला व सत्र न्यायालय में हुई सुनवाई में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने तथा 5 गवाहों के बयान के आधार पर न्यायाधीश सुनील पाटील ने फैसला सुनाया। 

सरकारी वकील आनंद गोदे ने न्यायालय में साबित किया कि आरोपी ने पीड़िता पर लैंगिक अत्याचार किए गए है। न्यायालय ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए लैंगिक अत्याचार से बालकों की सुरक्षा कानून की धारा 3 सहधारा 4 के तहत 10 वर्ष सश्रम कारावास व 10 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर 1 माह साधारण कैद की सजा भुगतनी होगी। लैंगिक अत्याचार से बालकों की सुरक्षा कानून की धारा 5 सहधारा 6 अंतर्गत 20 वर्ष सश्रम कारावास व 20 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। जुर्माना न भरने पर 2 माह और जेल में रहना होगा। भारतीय दंड विधान की धारा 450 के तहत 3 वर्ष सश्रम कारावास व 500 रूपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। वहीं धारा 506 के तहत 1 वर्ष सश्रम कारावास व 500 रूपए जुर्माने की सजा सुनाई गई। पीड़िता को 30 हजार रूपए आर्थिक सहायता देने के आदेश दिए गए। इस आदेश के खिलाफ आरोपी उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।

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