प्रति वर्ष नियमित भुगतान करनेवालोंं की संख्या कम

टालमटोल प्रति वर्ष नियमित भुगतान करनेवालोंं की संख्या कम

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-28 13:45 GMT
प्रति वर्ष नियमित भुगतान करनेवालोंं की संख्या कम

डिजिटल डेस्क, अकोला। महानगरपालिका क्षेत्र से बकाया समेत वर्तमान वर्ष का 205 करोड़ रूपए संपत्ति कर वसूलने का लक्ष्य मनपा प्रशासन के सामने है। बड़े बकायाधारकों के खिलाफ की गई कड़ी कार्रवाइयों की वजह से पहली बार वित्तीय वर्ष में मनपा 71 करोड़ की वसूली कर पाई है, लेकिन अभी भी 1 लाख से अधिक संपत्तिधारकों ने एक धेला तक नहीं भरा है। वित्तीय वर्ष में 53 हजार 915 रसीदें कटी है। आंकड़ों पर गौर किया जाए तो मनपा क्षेत्र में 1 लाख 60 हजार संपत्तिधारक है। 

भुगतान में पूर्व जोन सबसे आगे

हर साल की तरह इस वित्तीय वर्ष में भी संपत्ति कर भुगतान में पूर्व जोन के संपत्तिधारक सबसे आगे है। कुल लक्ष्य के मुकाबले 47.69 प्रतिशत वसूली पूरी हो चुकी है। यहां 15 हजार 261 रसीदें कटी। दक्षिण जोन में तेजी से वसूली बढ़ी है। यहां 33 प्रतिशत वसूली हुई और 15 हजार 760 संपत्तिधारकों की भुगतान रसीदें कटी। पश्चिम व उत्तर जोन सबसे पीछे है। दोनों जोन में 29 प्रतिशत ही वसूली हो पाई है। पश्चिम जोन में 11 हजार 847 तथा उत्तर जोन में सबसे कम 9 हजार 238 रसीदें कटी। मनपा के मुख्य कार्यालय में 1 हजार 809 नागरिकों ने भुगतान किया। इस प्रकार 53 हजार 915 रसीदें काटी गई।

अब तक 700 से 800 मकानों पर चिपकाई नोटिस

कड़ाई से संपत्ति कर वसूलने के लिए मनपा की ओर से 3500 संपत्तिधारकों की सूची बनाई गई है। इसमें से 1 लाख से अधिक बकाया होनेवाले संपत्तिधारकों के मकानों पर जब्ती की नोटिस चिपकाई जा रही है। अब तक 700 से 800 मकानों को नोटिस चिपकाई जा चुकी है, जिससे संपत्तिधारकों में हड़कम्प मचा हुआ है। महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम 1949 के प्रकरण 8 की धारा 42 अनुसार (अटकावणी) जब्त की गई है, ऐसा उल्लेख नोटिस पर है।

133 करोड़ की वसूली बकाया

वित्तीय वर्ष 2021-22 में अकोला महानगरपालिका के सामने बकाया समेत वर्तमान वर्ष का संपत्ति कर मिलाकर 204 करोड़ 28 लाख वसूलने का लक्ष्य रहा, जिसमें से 71 करोड़ 23 लाख रूपए वसूले गए। किंतु अभी भी 133 करोड़ रूपए वसूलने की चुनौती मनपा के सामने है। इस कारण मार्च माह के पूर्व वसूली लिपिकों को टारगेट दिया गया है। वहीं दूसरी तरफ चुनावी माहौल की वजह से लिपिकों को वसूली में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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