भूमि युद्ध अध्ययन केंद्र (सीएलएडब्ल्यूएस) ने सेना अधिकारियों के लिए पीएचडी कार्यक्रम की शुरुआत की!
भूमि युद्ध अध्ययन केंद्र (सीएलएडब्ल्यूएस) ने सेना अधिकारियों के लिए पीएचडी कार्यक्रम की शुरुआत की!
डिजिटल डेस्क | रक्षा मंत्रालय भूमि युद्ध अध्ययन केंद्र (सीएलएडब्ल्यूएस) ने सेना अधिकारियों के लिए पीएचडी कार्यक्रम की शुरुआत की| भारतीय सेना के संरक्षण के तहत एक स्वायत्त थिंक टैंक भूमि युद्ध अध्ययन केंद्र (सीएलएडब्ल्यूएस) ने मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (एमएएचई), मंगलौर के साथ सेना अधिकारियों के लिए पीएचडी कार्यक्रम संचालित करने को लेकर एक संयुक्त पहल की स्थापना की है।
मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन को पहले मणिपाल विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता था। सीएलएडब्ल्यूएस ने अधिकारियों की व्यावसायिक सैन्य शिक्षा (पीएमई) को आगे और बढ़ाने के लिए यह पहल की है। यह संबंधित क्षेत्रों में गहन ज्ञान से युक्त सैन्य नेताओं के साथ देश को लाभान्वित करेगा। इस पहल के तहत सीएलएडब्ल्यूएस को एमएएचई के उप-केंद्र के रूप में मान्यता दी गई है, जिससे सीएलएडब्ल्यूएस संकायों में से पांच सह-पर्यवेक्षक के रूप में काम करेंगे।
इसके अलावा सीएलएडब्ल्यूएस यूजीसी एवं एमएएचई के दिशानिर्देशों के अनुरूप चयन प्रक्रिया शुरू करेगा और अनिवार्य अनुसंधान पद्धति कक्षाओं का संचालन करेगा।
आवेदन पत्र के साथ इस पहल से संबंधित सभी विवरण सीएलएडब्ल्यूएस वेबसाइट (https://www.claws.in/) पर शीर्षक “यूनिवर्सिटी सेल” के तहत उपलब्ध है। वहीं, इच्छुक उम्मीदवारों से अनुरोध किया गया है कि वे अपना विधिवत भरा हुआ आवेदन पत्र 30 जून, 2021 तक भेज दें।