शासकीय धान खरीदी केंद्रों के गोदामों की शुरू हुई जांच
गोंदिया शासकीय धान खरीदी केंद्रों के गोदामों की शुरू हुई जांच
डिजिटल डेस्क, गोंदिया. शासकीय धान खरीदी केंद्रों में खरीदे गए धान की हेराफेरी का मामला हाल ही में सालेकसा तहसील के एक केंद्र पर उजागर होने के बाद जिला मार्केटिंग फेडरेशन के अधिकारी की शिकायत पर संस्था के 14 संचालकों एवं एक ग्रेडर के खिलाफ सालेकसा पुलिस थाने में आपराधिक मामला दर्ज किया है। पता चला है कि, खरीदे गए धान की करोड़ों रुपए की हेराफेरी सामने आने के बाद मुंबई से अधिकारियों की एक टीम मामले की जांच के लिए गोंदिया पहुंची है। वह हर संस्था के गोदामों में भेंट देकर जांच कर वस्तुस्थिति का पता लगाने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में मार्केटिंग फेडरेशन की एक टीम ने 18 अक्टूबर को गोरेगांव तहसील के एक केंद्र में जाकर जांच की है। यह हेराफेरी का मामला तब उजागर हुआ, जब नियमानुसार शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर खरीदी किया जानेवाला धान संबंधित केंद्र के गोदामों में रिकार्ड के अनुसार नहीं पाया गया। धान खरीदी के बाद उसकी मिलिंग के लिए डीएमओ की ओर से राइस मिलर्स को करारनामे के अनुसार धान का डीओ दिया जाता है। जिसे लेकर वह जब केंद्र पर पहुंचता है तो केंद्र संचालक को उक्त मिलर्स को धान की आपूर्ति करनी होती है एवं मिलर्स को वह धान मिलिंग कर वापस शासन के पास जमा कराना होता है, लेकिन जब राइस मिलर्स डीओ लेकर केंद्र संचालकों के पास पहुंचे तो, वहां पर उनके गोदामों में धान ही नहीं मिला। जिसके बाद शिकायत होने पर जांच कार्रवाई के दौरान करोड़ों रुपए के धान की हेराफेरी की बात सामने आई। जानकारी के अनुसार गोरेगांव तहसील के एक केंद्र में की गई जांच के दौरान वहां बड़े पैमाने पर धान खराब होने एवं हजारों क्विंटल धान रिकार्ड के अनुसार वहां उपलब्ध नहीं है। अब देखना यह है कि इस मामले में और क्या कार्रवाई की जाती है? इस मामले में निर्णय मार्केटिंग फेडरेशन को ही करना है। यह भी पता चला है कि, मार्केटिंग फेडरेशन द्वारा जांच के बाद फौजदारी कार्रवाई किए जाने से अनेक संस्था संचालक जिनके पास रिकार्ड में दर्ज मात्रा में धान नहीं है, वे अब जिला मार्केटिंग कार्यालय के चक्कर काटकर रिकार्ड के अनुसार खरीदा गया सारा धान उपलब्ध कराने की गारंटी दे रहे हैं।