एकादशी को देव जागेंगे तो शुक्र भागेंगे, फिर 24 को लौटेंगे, शुक्रास्त में नहीं होते विवाह

समस्या एकादशी को देव जागेंगे तो शुक्र भागेंगे, फिर 24 को लौटेंगे, शुक्रास्त में नहीं होते विवाह

Bhaskar Hindi
Update: 2022-11-04 12:13 GMT
एकादशी को देव जागेंगे तो शुक्र भागेंगे, फिर 24 को लौटेंगे, शुक्रास्त में नहीं होते विवाह

 डिजिटल डेस्क, अकोला, नेहा खत्री | इस बार ‘शुक्र" के कारण सब कुछ ठीक-ठाक नहीं हैं। शुक्र विवाह, सौन्दर्य, काम और लालित्य के देव हैं और इसलिए जब आकाशमंडल में कहीं ओट में होकर अस्त हो जाते हैं तो विवाह इच्छुकों के लिए सब कुछ ठीक नहीं रहता। पहले तो देवता सो गए और चार महीने तक दाम्पत्य प्रवेश के कपाट बंद रहे और अब जैसे तैसे 04 नवंबर एकादशी को देवगणों की निद्रा टूटेगी तो आगामी 20 दिनों तक शेष शुक्रदेव अस्त रहेंगे। मारवाड़ी समाज तारा अस्त में कोई शुभ कार्य नहीं करता है। 01 अक्टूब से 23 नवम्बर तक कुल 54 दिनों के लिए शुक्र तारा अस्त है।  अस्त शुक्र में विवाह नहीं होते। इतना ही नहीं 24 से नवंबर से 13 दिसम्बर तक कुछ मुहूर्त मिलेंगे फिर मलमास लग जाएगा और फिर विवाहपट बंद। कुल मिलाकर मुहूर्तों ने विवाह मुहूर्तों के तानेबाने को बिगाड़ कर रख दिया है।   

आषाढ़ी एकदशी से विवाह के मूहर्त बंद हो जाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु और देवगण सो गए है जो अब दीपावली के बाद की कार्तिक शुक्ल एकादशी को उठेंगे। एकदशी को तुलसी विवाह किया जाता है और इस दिन से ही विवाह की धूम भी शुरु हो जाती है। बाजार में चहुंओर शादी की तैयारियों के लिए खरीददारी के साथ ही हर वो शख्स शादी के काम से आर्डर पर काम करते हैं उन्हें बुक करना होता है। लेकिन इस वर्ष एकादशी से विवाह के महूर्त नहीं होने से नवंबर माह के अंतिम सप्ताह तक विवाह के लिए वर-वधु को इंतजार करना पड़ेगा। इस वर्ष तुसली विवाह एकादशी 04 नवम्बर को है तथा इस दिन से विवाह शुरु हो जाते हैं। लेकिन इस वर्ष 01 अक्टूबर से 23 नवम्बर तक तारा लगा हुआ है। तारा लगना माना जाता है, शुक्र ग्रह का अस्त होना और तारा लगने में शुभ कार्य निषिद्ध माने गए है। इसलिए अब विवाह की तिथि बीस दिन बाद की ही निकाली गई है। एकादशी से बैंड बाजे वाले, लाइटिंग वाले, पंडित, सौदर्य तज्ञ, भवन, कैटर्स, घोड़ी वाले इत्यादि हर किसी को अपने व्यवसाय के लिए बीस दिन का प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। इस सिलसिले में जब संबंधित व्यवसायियों से बात की तो उन्होंने स्वीकारा कि उन्हें आर्डर तो मिले हैं मगर 24 नवम्बर से 14 दिसम्बर तक के केवल 21 दिन के लिए। 14 दिसम्बर से 13 जनवरी तक मल होने से फिर विवाह के महुर्त नहीं हैं। सौंदर्यं तज्ञ सीमा भिसे ने बताया कि हर साल तुलसी विवाह से ही आर्डर की बुकिंग शुरु हो जाती है लेकिन इस साल तारे की वजह से सभी आर्डर 24 से ही हैं। इसी से साथ वर्तमान में होम सर्विस से पार्लर वालों को काफी नुकसान हो रहा है।  लाईटिंग और साउंड सिस्टम व्यवसायी राजेश चौधरी ने बताया कि उनके पास मारवाड़ी समाज में आर्डर 24 के बाद है।

ज्वेलरी व्यवसायी नितीन खंडेलवाल ने बताया कि जो लोग तारे को मानते है वो पसंदीदा आभूषण के आर्डर बुक कर कुछ प्रतिशत अग्रीम राशि जमा कर रहे है तथा तारा उद्य होने के बाद घर लेकर जाएंगे। केटरर अनिल चांडक का कहना है कि उनके व्यवसाय पर तारा अस्तहोने के कारण किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ा है। साज-श्रृंगार वाले सोमेश खंडेलवाल ने बताया कि उनके पास 24 तारीख से मारवाड़ी समाज के आर्डर है उसके पहले नहीं। पंडित कृष्णकान्त मिश्रा ने कहा कि तारा अस्त होेने उनके व्दारा वर वधू के फैरे 23 नवम्बर के बाद ही करानेवाले  है। बैंड-बाजा-बाराती भी अब समय पर सज नहीं पाएंगे।  छायाकार गोपाल सोमाणी के पास विवाह के लिए फोटोग्राफी के आर्डर शुक्र तारा उदय के बाद ही है।

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