ब्लड बैंक से खून ले रहे हैं तो हो जाएं सावधान!, 5 वर्ष में 3 बच्चे संक्रमित, खून की शुध्दता है जरूरी
खतरा ब्लड बैंक से खून ले रहे हैं तो हो जाएं सावधान!, 5 वर्ष में 3 बच्चे संक्रमित, खून की शुध्दता है जरूरी
डिजिटल डेस्क, अकोला। रक्तदान से अनेकों को जीवनदान मिलता है, मात्र कुछ गलतियों की वजह कभी कभी यह मरीजों के लिए घातक भी साबित हो सकता है। ऐसा ही एक मामला अगस्त माह में उजागर हुआ था। जिसमें मूर्तिजापूर तहसील के एक 8 माह की बालिका को संक्रमित रक्त देने से वह एचआईवी बाधित हो गया था। केंद्रीय दल की जांच के बाद अमरावती के सहायक आयुक्त ने बीपी ठाकरे मेमोरियल ब्लड बैंक का लाइसेंस रद्द किए जाने की जानकारी सूत्रों की ओर से मिली है। रक्तदाताओं की ओर से संकलित खून में एचआईवी पाजिटिव खून मिलने से वह नष्ट किया जाता है जिससे अन्य को संक्रमित होने का खतरा कम होता है। मात्र रक्तदाता एचआईवी के विंडो पिरीयड में होगा तब ब्लड बैंक में होनेवाली जांच में उसकी एसआईवी जांच निगेटिव आती है। ऐसी ही एक घटना मूर्तिजापुर तहसील के एक 8 माह की बालिका को साथ अगस्त माह में हुई। इस प्रकरण में जिलाधिकारी ने सितम्बर माह में बी पी ठाकरे मेमोरियल ब्लडबैंक को सील करने के आदेश दिए थे। इसके बाद केंद्रीय दल द्वारा इस प्रकरण की जांच की गई। अब अमरावती के सहायक आयुक्त् ने ठाकरे मेमोरियल ब्लडबैंक का लाइसेंस रद्द किए जाने की जानकारी मिली है। पिछले 5 वर्ष में यह अकोला की तीसरी घटना होने की जानकारी सूत्रों की ओर से मिली है। इससे पूर्व थैलेसेमिया व सिकलसेल बीमारी से ग्रस्त दो बालकों को इस प्रकार की बाधा हुई थी। ब्लड बैंक ट्रन्समिशन द्वारा एचआईवी का धोखा टालने के लिए करीत 3 वर्ष पूर्व शासकीय ब्लड बैंक की ओर से नॅट प्रणाली कार्यान्वित करने का प्रस्ताव शासन की ओर से भेजा गया था। लेकिन शासन की आेर से अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
क्या है नॅट टेस्ट? {नॅट अर्थात न्यूक्लिक एसिड टेस्ट की जांच एचआईवी की जांच की सबसे विश्वसनीय टेस्ट मानी जाती है। रक्तदाता मरीज के रक्त में यदि 8 से 10 दिन का भी संक्रमित विंडो पीरियड हो तो नॅट की टेस्ट पाजिटिव आती है। एचआईवी का संक्रमण होने के बाद उसे पूरी तरह से कार्यान्वित होने में तीन माह का समय लगता है। इस दौर में एचआईवी का निदान नहीं होता। इसी विंडो पीरियड में एक व्यक्ति के रक्त से एचआईवी का संक्रमण दूसरे तक पहुंचता है।
क्या है एचआईवी विंडो पीरियड
एचआईवी विंडो पिरीयड यह साधारणत: तीन माह का होता है। इस तीन माह की समयावधि में एचआईवी का संक्रमित होगा तो उसका निदान नहीं होता इस विंडो पिरीयड में व्यक्ति के खून द्वारा एचआईवी संक्रमण दूसरे व्यक्ति को होने की संभावना रहती है।
लाइसेंस रद्द, जांच जारी
वी.डी सुलोचने, सहायक आयुक्त अन्न व औषधि प्रशासन के मुताबिक अगस्त माह में मूर्तिजापूर तहसील की एक 8 माह की बालिका को संक्रमित खून दिए जाने के प्रकरण में अमरावती के सहायक आयुक्त ने अकोला की बीपी ठाकरे मेमोरियल ब्लडबैंक का लाइसेंस रद्द किया गया। इस प्रकरण में संबंधित ब्लडबैंक से संचालक आदि से जवाब भी तलब किया गया।