सड़कों के गड्ढे बने अकोला की पहचान, चंद दिनों में उखड़ी थी कांक्रीट, दोषियों पर नहीं हुई कार्रवाई
समस्या सड़कों के गड्ढे बने अकोला की पहचान, चंद दिनों में उखड़ी थी कांक्रीट, दोषियों पर नहीं हुई कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, अकोला. महानगरपालिका क्षेत्र में महानगरपालिका तथा सार्वजनिक निर्माण विभाग अंतर्गत बनी कांक्रीट सड़कों ने कुछ दिनों में ही अकोलावासियों के सपनो पर पानी फेर दिया। सड़कों पर बने गड्ढों के लिए पहचाने जानेवाले अकोला शहर की पहचान आज भी वही बनती नजर आ रही है। कांक्रीट सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे बन गए है। इन गड्ढों से नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सड़कों की मरम्मत तक नहीं की जा रही है। दोषियों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे बाद में बनी कांक्रीट सड़कें भी मजबूत नहीं बन पाई। उनके भी परखच्चे उड़ते दिखाई दे रहे है। तिलक रोड, नेकलेस रोड इसका जीवित उदाहरण है।
तत्कालीन जिलाधिकारी ने कराया था सोशल आडिट
सन 2017 में बनी सिविल लाइन से मुख्य डाकघर, रतनलाल प्लाट चौक से टावर चौक, दुर्गा चौक से अग्रसेन चौक, अशोक वाटिका से सरकारी बगीचा, तिलक रोड से मोहता मिल तथा गोरक्षण मार्ग कांक्रीट सड़कों पर कुछ महीनों ही कांक्रीट उखड़ने लगा। इस कारण तत्कालीन जिलाधिकारी ने जुलाई 2018 में सोशल आडिट करवाया था। बाद में प्रयोगशालाओं की रिपोर्ट भी 24 अक्टूबर 2018 को सार्वजनिक की गई। इस मामले में तब से लेकर आज तक कार्रवाई नहीं हुई। सड़कों की कई बार लीपापोती जरूर हुई, लेकिन पिछले दो सालों में वह भी बंद हो गई है।
मनपा ने वीएनआईटी से फिर कराई थी जांच
सोशल आडिट के बाद मनपा की सर्वसाधारण सभा में दोषी अधिकारी व ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई का मुद्दा उठा था, लेकिन वीएनआईटी याने विश्वेश्वरैय्या नेशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी नागपुर से मनपा अंतर्गत बनी विवादित सड़कों की फिर से जांच करवाने का निर्णय लिया गया। इस सुझाव के लगभग एक से डेढ़ साल बाद जुलाई 2020 में वीएनआईटी ने सैम्पल संकलित किए। तब से लेकर आज तक रिपोर्ट गुलदस्ते में रही।
{दो माह पहले मिली वीएनआईटी की रिपोर्ट
वीएनआईटी द्वारा की गई जांच के लगभग डेढ़ साल बाद रिपोर्ट महानगरपालिका को प्राप्त हुई है। दो माह पूर्व मिली रिपोर्ट में कुछ विशेष न होने की बात पता चली है। लिहाजा मनपा आयुक्त कविता द्विवेदी ने मनपा के सार्वजनिक निर्माण विभाग को ब्योरा पेश करने के आदेश दिए है। यह ब्योरा भी अब तक तैयार नहीं हुआ है। आगे कोई कार्रवाई होती है या नहीं? इससे शायद किसी को कोई लेना-देना न हो, लेकिन सड़कों की मरम्मत की मांग उठ रही है।