हनी ट्रैप फोन पर मीठी बातें कर सिविल इंजीनियर को जाल में फंसाया,फिर रेप के मामले में फंसाने की धमकी देकर वसूले लाखों
सतना हनी ट्रैप फोन पर मीठी बातें कर सिविल इंजीनियर को जाल में फंसाया,फिर रेप के मामले में फंसाने की धमकी देकर वसूले लाखों
डिजिटल डेस्क, सतना। सिटी कोतवाली पुलिस ने प्राइवेट सिविल इंजीनियर को ब्लैकमेल कर लाखों रुपए हड़पने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर महिला समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से पौने 2 लाख नकदी के अलावा 3 बाइक, 6 मोबाइल और 3 चेक भी जब्त किए गए हैं। टीआई एसएम उपाध्याय ने बताया कि स्टेशन रोड निवासी सिविल इंजीनियर संजय कुमार पुत्र बाबूलाल जैन (58) के मोबाइल पर 30 जून को अंजान नम्बर से फोन आया, जिसमें एक लड़की ने बात करते हुए अपना नाम रश्मि सिंह बताया, इसके बाद अक्सर ही फोन करने लगी। कुछ दिन बाद युवती ने बहाना बनाकर संजय को अपने घर पर बुलाया, तो वह डेलौरा पहुंच गया, जहां महिला के साथ पहले से ही 4 लोग मौजूद थे। सभी ने उसे बंधक बना लिया और मारपीट करते हुए रेप के मामले में फंसाने की धमकी देने लगे। आरोपियों ने पहले 50 लाख देने का दबाव बनाया, मगर फिर बाद में 5-5 लाख के चार चेक लेकर छोड़ दिया। बदमाशों ने कुछ फोटो और वीडियो भी बना लिए थे, जिनका इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग में किया जा रहा था।
एक चेक से ही निकला कैश ---
आरोपियों ने सिविल इंजीनियर से चेक हासिल करने के बाद बैंक का रुख किया और एक चेक लगाकर 5 लाख निकाल लिए, मगर अन्य 3 चेक कैश नहीं करा पाए। ऐसे में पीडि़त को दोबारा पैसे देने के लिए धमकाने लगे, इतना ही नहीं उनके घर पहुंचकर पत्नी को भी डराया-धमकाया। तब परेशान होकर संजय ने 14 जुलाई को कोतवाली में शिकायत की, तो पुलिस ने आईपीसी की धारा 384 और 34 के तहत कायमी कर चौबीस घंटे के अंदर ही ब्लैकमेलिंग गैंग का पर्दाफाश कर आरोपी रश्मि उर्फ रजनी पटेल पति उत्तमलाल पटेल 38 वर्ष, निवासी डेलौरा बाइपास के साथ ही अजय पाठक पुत्र लालता प्रसाद 32 वर्ष और जगजाहिर उर्फ राघवेन्द्र सिंह पुत्र कुबेर सिंह 35 वर्ष, निवासी खाम्हा-खूझा, अनुज सिंह पुत्र दिनेश सिंह 41 वर्ष, निवासी डाढ़ी गांव, जिला मिर्जापुर, हाल दक्षिणी पतेरी और विजय दाहिया पुत्र ददोली दाहिया 50 वर्ष, निवासी नकटी, हाल गढिय़ा टोला थाना सिविल लाइन को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के कब्जे से 1 लाख 75 हजार नकदी, 3 हस्ताक्षरित चेक, 6 मोबाइल और 3 बाइक भी बरामद की गई हैं। आरोपियों से पूछताछ और जांच के बाद प्रकरण में धारा 388 और 389 भी बढ़ाई गई हैं। पुलिस ने सभी को न्यायालय में पेश करते हुए 17 जुलाई तक की रिमांड मंजूर कराई है।
पुराने कर्मचारी ने बनाई थी योजना ---
पुलिस के मुताबिक ब्लैकमेलिंग की मास्टर माइंड रजनी का मायका उचेहरा थाना क्षेत्र के लगरगवां में है, जबकि ससुराल कटनी जिले के कारी-तलाई गांव में है, लेकिन पिछले 10-12 सालों से पति को छोड़कर सतना में रहने लगी थी। अभी तक की पूछताछ में यह बात सामने आई कि आरोपी विजय दाहिया, मकानों में पुट्टी का काम करता है, वह काफी समय तक संजय के साथ था। ऐसे में जब महिला और उसके साथियों के सम्पर्क में आया तो ब्लैकमेलिंग का रैकेट चलाकर वसूली की योजना बनी, जिसमें उसी ने पीडि़त सिविल इंजीनियर को फांसने का सुझाव रखा, लिहाजा गिरोह के अन्य सदस्य राजी हो गए। रिमांड के दौरान गिरोह के और कारनामे सामने आ सकते हैं।