Mumbai News: जलसंरक्षण - बारिश के बावजूद सूखे की स्थिति से निपटने भूमिगत जलस्तर बढ़ाने की कवायद
- स्वयंसेवी संगठनों और आम लोगों की मदद से बनाए जा रहे हैं 6,200 वन बांध
- कृषिविभाग के जरिए किसानों की मदद की कोशिश
Mumbai News :मुंबई के आसपास के जिलों ठाणे, पालघर और रायगड में बारिश तो प्रचुर मात्रा में होती है लेकिन पानी नदी नालों से समंदर में पहुंच जाता है। जिसके कारण बरसात के बाद लोगपानी की समस्या से जूझने लगेते हैं। इसी समस्या का हल खोजने के लिए कृषि विभाग स्वयंसेवी संगठनों और आम लोगों की मदद से तीनों जिलों में 6,200 वन बांध या बोरी बांध बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है। अब तक 100 बांध बनाए जा चुके हैं लेकिन अभी लंबी दूरी तय करनी है। इसलिए सोशल मीडिया के जरिए आम लोगों से अपील की जा रही है कि वे हर संभव मदद करें। इन बोरी बांध बनाने के लिए तीन लाख बोरियों की जरूरत है, जिसके लिए लोगों का सहयोग मांगा गया है।हालांकि इस मुहिम में अब तक 400 से ज्यादा मुंबईकर मदद भी कर चुके हैं। पालघर जिले के वसई में तैनात कृषि विभाग के अधिकारी किरण संखे ने कहा कि यहां बरसात तो अच्छी होती है लेकिन पानी बह जाता है और धान के बाद होने वाली चने आदि की फसल की सिंचाई के लिए किसानों को पानी नहीं मिल पाता। इसीलिए हम इस कोशिश में जुटे हैं कि छोटे-छोटे बांध बना दें। जिससे अक्टूबर-नवंबर में खत्म होने वाला पानी फरवरी-मार्च तक चल जाए। संखे ने बताया कि हम वसई में 25 से 30 बांध बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कृषि विभाग के साथ इस मुहिम में मदद कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता सुभजीत मुखर्जी ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों ने शुरुआत में मदद मांगी तो मैंने एक लाख रुपए की मदद की। अधिकारियों ने मुझसे कहा कि जितनी ज्यादा संख्या में सीमेंट की बोरियों का इंतजाम हो जाए उतना अच्छा। इसके बाद मैं उन जगहों पर जाने लगा जहां इमारतें बन रहीं हैं। भवन निर्माताओं से मैंने खाली बोरियां मांगनी शुरू कर दी।
तो सस्ती हो सकती हैं सब्जियां
1800 बोरियां देकर इस मुहिम में मदद करने वाली कल्पना देसाई ने कहा कि मुझे इस मुहिम की जानकारी हुई तो मैंने भी भवन निर्माताओं से संपर्क किया और उनसे बोरियां लेकर इस मुहिम के लिए दिया। अगर किसानों के पास अनाज और सब्जियों के लिए पानी होगा तो वे इसे उगाकर हमें कम दाम पर उपलब्ध करा पाएंगे।
श्रमदान भी कर रहे हैं लोग
सुभजीत मुखर्जी ने बताया कि इस मुहिम के लिए कई युवा श्रमदान भी कर रहे हैं। एक बांध बनाने में औसत 650 बोरियां लगतीं हैं। इसका खर्च 10 से 20 हजार रुपए के बीच होता है। बोरियों में लगा सीमेंट मिट्टी भरने पर उसे जकड़ लेता है। ऐसे बांध तीन से चार फुट के ही बनाए जाते हैं। राज्य में ऐसे एक लाख बांधों की जरूरत है जिनमें पानी रोककर किसानों की बड़ी मदद की जा सकती है। इस तरह के बांध से पानी जमीन में जाता है और भूमिगत जलस्तर बढ़ता है।