Jabalpur News: मटर की गाड़ियों को शहर में नहीं मिलेगी एंट्री, प्रशासन ने लगाई रोक

  • 27 से होगी सख्ती, नई मटर मंडी को लेकर मचा घमासान
  • अधिकारियों और व्यापारियों की बैठक में नहीं बन सकी सहमति
  • व्यापारियों के पास 2054 तक की लीज है, अगर प्रशासन को कोई निर्णय लेना था तो व्यापारियों से पहले चर्चा करनी थी।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-11-25 13:22 GMT

Jabalpur News: औरिया बायपास पर बनी नई मटर मंडी में व्यापार को लेकर प्रशासन ने अपना रुख साफ करते हुए ये कह दिया है कि 27 नवंबर से मटर की गाड़ियाें को शहर में एंट्री नहीं दी जाएगी। औरिया बायपास पर बैरीकेडिंग करके सभी गाड़ियाँ नई मंडी में भेजी जाएँगी। ये बातें एसडीएम अभिषेक सिंह ने शनिवार को मंडी के व्यापारियों के साथ हुई बैठक में कहीं।

इधर व्यापारी नई मंडी में तब तक जाने को तैयार नहीं हैं, जब तक वहाँ प्रशासन की तरफ से पूरी व्यवस्थाएँ नहीं की जातीं और दुकानों का आवंटन नहीं होता। व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन तानाशाही रवैया अपना रहा, जिसमें नुकसान उन किसानों का होगा जो अपना माल बेचने के लिए आएँगे।

कृषि उपज मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष अजीत साहू ने बताया कि औरिया बायपास पर मंडी प्रशासन ने 90 एकड़ में नई मंडी बनाई है, वहाँ अभी सिर्फ फिलिंग का काम ही हुआ है। न नीलामी चबूतरा बना, न ही दुकानें, इसके अलावा शौचालय, बाउंड्रीवॉल-गेट और अन्य दूसरी जरूरी चीजों का निर्माण नहीं किया गया है। ऐसे में व्यापारी अपना जमा जमाया काम छोड़कर पूरा सेटअप लेकर सिर्फ मटर की बिक्री के लिए दूसरी जगह कैसे जाएँगे।

किसानों की बढ़ेगी मुसीबत

जानकारों के अनुसार प्रशासन और सब्जी व्यापारियों के बीच सहमति न बन पाने के कारण मटर के व्यापारियों का ही नुकसान होगा, क्योंकि जिले के दूरदराज इलाकों के साथ अन्य जिलों से आने वाले किसानों का माल व्यापारी ही खरीदते हैं, अगर व्यापारी नई मंडी नहीं जाएँगे तो किसानों का माल नहीं बिकेगा और उनकी मुसीबत बढ़ जाएगी। वैसे भी इस वर्ष मटर के उत्पाद में भारी कमी देखी जा रही है। बहरहाल मंडी सचिव मनोज चौकीकर का कहना है कि जल्द ही मामले को सुलझाने के लिए बातचीत की जा रही है।

दूसरी चीजों का व्यापार होगा प्रभावित

श्री साहू के अनुसार मटर के अलावा कृषि उपज मंडी में 85 तरह की सब्जियाें का थोक व्यापार होता है। मटर का सीजन महज एक से दो महीने का रहता है, ऐसे में सिर्फ एक चीज के कारण अन्य सब्जियों का व्यापार प्रभावित व्यापारी क्यों करेंगे, क्योंकि थोक सब्जी व्यापारी प्रशासन को एक दिन में 5 लाख का टैक्स भी देते हैं। व्यापारियों के पास 2054 तक की लीज है, अगर प्रशासन को कोई निर्णय लेना था तो व्यापारियों से पहले चर्चा करनी थी।

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