राज्यपाल ने दी अनुमति, करें उचित कार्रवाई

फर्जी दस्तावेज मामला राज्यपाल ने दी अनुमति, करें उचित कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2022-02-28 13:30 GMT
राज्यपाल ने दी अनुमति, करें उचित कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, अकोला. वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख एड.प्रकाश आंबेडकर ने 7 फरवरी को राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मुलाकात कर अकोला के पालकमंत्री ओमप्रकाश कडू के खिलाफ लगभग 2 करोड़ की शासकीय निधि का अपहार करने के लिए पुलिस थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कर जांच की मांग की थी। राज्यपाल ने 21 फरवरी को एक पत्र भेजकर अकोला के जिला पुलिस अधीक्षक को मामले में उचित कार्रवाई करने के आदेश देने से अब पालकमंत्री के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का मार्ग प्रशस्त होता नजर आ रहा है। 21 फरवरी को आदेश जारी होने के बावजूद अब तक पुलिस प्रशासन की ओर से पालकमंत्री के खिलाफ न तो कोई मामला दर्ज किया गया है न ही जांच आरम्भ की गई है। इसलिए अब वंचित बहुजन आघाडी राज्यपाल की इस एनओसी को लेकर अकोला न्यायालय में दाखिल मामले को आगे बढ़ाएगी संभवत: सोमवार को वंचित न्यायालय में जाएगी ऐसी जानकारी डा.धैर्यवर्धन पुंडकर ने शनिवार सायंकाल पत्रकार परिषद में दी। 

यह था मामला

विगत 3 दिसम्बर 2021 को वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रदेश उपाध्यक्ष डा.धैर्यवर्धन पुंडकर ने पत्रकार वार्ता के जरिए अकोला के पालकमंत्री ओमप्रकाश कडू की ओर से अस्तित्व में न होने वाले रास्तों को दर्ज कर उसके फर्जी निर्माण पर लगभग 1 करोड़ 95 लाख की शासकीय निधि के अपहार का अारोप लगाया था। इस संदर्भ में उन्होंने दस्तावेज भी दिए थे। साथ ही देर शाम सिटी कोतवाली में पालकमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए बैठा आंदोलन भी किया था। लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज न करते हुए टाल–मटोल की थी। लिहाजा वंचित की ओर से जिला न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। न्यायालय ने इस आरम्भिक जांच में पालकमंत्री के संदर्भ में दाखिल मामले को प्राथमिक तौर पर जांच के काबिल माना था चूंकि पालकमंत्री विधान सभा के सदस्य है इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुमति के लिए राज्यपाल की संस्तुति आवश्यक होने के कारण वंचित ने राज्यपाल से मुलाकात कर पालकमंत्री के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति देने की मांग की थी। 21 फरवरी को राज्यपाल ने राजभवन के माध्यम से एक आदेश जारी कर अकोला के पुलिस अधीक्षक को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जिससे अब पालकमंत्री की मुश्किलें बढ़ सकती हैं या पुलिस राजनीतिक दबाव में फिर मामले को अनदेखा कर टाल–मटोल करती है इस पर सभी की निगाहें लगी हुई है। पत्रकार परिषद में डा.पुंडकर के अलावा प्रदीप वानखडे, प्रमोद देंडवे, बालमुकुंद भिरड एवं अरुंधती सिरसाट उपस्थित थी। 

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