स्वर्ण जयंती फेलो न्यूट्रिनो प्रयोगों में नई भौतिकी के संकेतों का पता लगायेंगे!

स्वर्ण जयंती फेलो न्यूट्रिनो प्रयोगों में नई भौतिकी के संकेतों का पता लगायेंगे!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-04-10 09:27 GMT
स्वर्ण जयंती फेलो न्यूट्रिनो प्रयोगों में नई भौतिकी के संकेतों का पता लगायेंगे!

डिजिटल डेस्क | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय स्वर्ण जयंती फेलो न्यूट्रिनो प्रयोगों में नई भौतिकी के संकेतों का पता लगायेंगे| भुवनेश्वर स्थित भौतिकी संस्थान (आईओपी) के एसोसिएट प्रोफेसर और भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के स्वर्णजयंती फैलोसंजीब कुमार अग्रवाल बड़े पैमाने पर न्यूट्रिनो के मूलभूत गुणों को स्पष्टकरेंगे और आगामी उच्च परिशुद्धता वाले न्यूट्रिनो दोलन प्रयोगों में नई भौतिकी के दिलचस्प संकेतों का पता लगायेंगे। पिछले दो दशकों में, कई विश्व स्तरीय प्रयोगों ने न्यूट्रिनो फ्लेवर दोलन की परिघटना को मजबूती से स्थापित किया है, जिसका अर्थ यह है कि न्यूट्रिनो में द्रव्यमान होता है और वे एक-दूसरे के साथ घुलमिल जाते हैं।

चूंकि नए कण भौतिकी (न्यू पार्टिकल फिजिक्स), जिसे कण भौतिकी का बेसिक स्टैंडर्ड मॉडल भी कहा जाता है, में न्यूट्रिनो द्रव्यमान रहित होते हैं, लिहाजा गैर-शून्य न्यूट्रिनो द्रव्यमान और मिश्रण को समायोजित करने के लिए बीएसएम भौतिकी को लागू करने की जरूरत है। कई दिलचस्प बीएसएम परिदृश्य जैसे किस्टेराइल न्यूट्रिनो, नॉन - स्टैण्डर्ड न्यूट्रिनो इंटरैक्शन, न्यूट्रिनो डिके, डार्क मैटर - न्यूट्रिनो सीक्रेट इंटरैक्शन एवंअन्य न्यूट्रिनो के उत्पादन, प्रसार और पहचान को प्रभावित कर सकते हैं।

श्री संजीब इन बीएसएम प्रभावों की जांच बहुत उच्च (टीईवी-पीईवी) ऊर्जाओं (आधुनिक कोलाइडर्स की पहुंच से परे) पर विशालकाय न्यूट्रिनो टेलिस्कोपों जैसेकि दक्षिण ध्रुव पर आइस क्यूब, फ्यूचर आइस क्यूब-जेन 2, और भूमध्यसागर में केएम3एनईटी ​​का उपयोग करकेब्रह्माण्डीय दूरियों से एस्ट्रोफिजिकल न्यूट्रिनो का पता लगाकर करेंगे। उनकी योजनास्थलीय दूरी तय करने वाली त्वरक एवं वायुमंडलीय न्यूट्रिनो का उपयोग करके इन बीएसई परिदृश्यों की जांच निम्न (एमईवी-जीईवी) ऊर्जाओं पर करने की है। संयुक्त राज्य अमेरिका में डीयूएनई, जापान में टी2एचके, और आगामी भारत-आधारित न्यूट्रिनो वेधशाला (आईएनओ) में वायुमंडलीय न्यूट्रिनो प्रयोग जैसे भविष्य के उच्च परिशुद्धता त्वरक लंबे-बेसलाइन न्यूट्रिनो दोलन प्रयोगों के लगभग कुछ % की परिशुद्धता के साथ द्रव्यमान – मिश्रण मानदण्डों को मापने की उम्मीद है और इसलिए, ये आगामी प्रयोग विभिन्न उप-अग्रणी बीएसएम प्रभावों के लिए संवेदनशील हो सकते हैं, जिसकी खोजबीन श्री संजीब आईओपी के अपने समूह के साथ करने जा रहे हैं।

उनका शोध वैश्विक है और न्यूट्रिनो भौतिकी से संबंधित अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान कार्यक्रम के अनुरूप है। श्री संजीबनये मूलभूत कणों एवं पारस्परिक क्रिया का खुलासा करने, प्रयोगशाला में पहुंच से अधिक ऊर्जा और दूरी के पैमाने की जांच करने के उद्देश्य से बड़े न्यूट्रिनो टेलिस्कोपों ​​द्वारा पता लगाए गए उच्च-ऊर्जा खगोल भौतिकी न्यूट्रिनो की भूमिका की जांच करेंगे। वे इस बात का अध्ययन करेंगे कि विभिन्न बीएसएम परिदृश्य वर्तमान में चल रहे और आगामी उच्च परिशुद्धता न्यूट्रिनो दोलन प्रयोगों के परिणाम को कैसे प्रभावित कर सकते हैं। किसी भी न्यूट्रिनो प्रयोग के परिणाम का सही आकलन करने के लिए इन सवालों के जवाब महत्वपूर्ण हैं।

श्री संजीब की योजना न्यूट्रिनो प्रयोगों में सिग्नल और पृष्ठभूमि को अलग करने के लिए चयन मानदंड विकसित करने के उद्देश्य से डेटा विश्लेषण में मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग करने की है। श्री संजीब न्यूट्रिनो भौतिकी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर केएक प्रमुख और जाने - माने विशेषज्ञ हैं। वेआईसीटीपी के एक सिमान्स एसोसिएट हैं और भौतिकी के क्षेत्र में 2018 के प्रतिष्ठित बीएम बिड़ला विज्ञान पुरस्कार के एकमात्र विजेता हैं।

श्री संजीब ने इंटरनेशनल रेफरीड जर्नल्स में पचास (50) से अधिक उच्च गुणवत्ता वाले लेख प्रकाशित करके न्यूट्रिनो भौतिकी के क्षेत्र में कई उत्कृष्ट योगदान दिए हैं। उनके प्रकाशनों की पूरी सूची https://www.iopb.res.in/~sanjib/Publication/Publications-Sanjib.pdf पर उपलब्ध है। उनके अनुसंधान कार्यों की विस्तृत जानकारी के लिए उनसे sanjib@iopb.res.in or sanjib.agarwalla@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।

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