पुरानी प्रभाग रचना को अंतिम मंजूरी

अकोला पुरानी प्रभाग रचना को अंतिम मंजूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2022-05-12 10:59 GMT
पुरानी प्रभाग रचना को अंतिम मंजूरी

डिजिटल डेस्क, अकोला। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत राज्य चुनाव आयोग ने महानगरपालिकाओं के चुनाव के लिए चुनाव प्रक्रिया आरंभ कर दी है। उसके तहत अकोला समेत राज्य की 14 मनपाओं की अंतिम प्रभाग रचना को मंजूरी प्रदान की गई है। पुरानी प्रभाग रचना प्रक्रिया के आधार पर ही राज्य चुनाव आयोग ने यह निर्णय लिया। 17 मई को अकोला महानगरपालिका की ओर से निर्देश अनुसार अधिसूचना जारी की जाएगी। अचानक चुनाव प्रक्रिया को गति मिलने से राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई है। पूर्व पार्षद, इच्छुकों समेत राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव की तैयारियां आरंभ कर दी है।

10 मार्च से पूर्व यह हुई थी प्रक्रिय

सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई पश्चात 4 मई को आदेश दिए कि आयोग 10 मार्च 2022 को जिस स्तर पर चुनाव प्रक्रिया स्थगित की गई थी उसी स्तर से आगे की कार्यवाही शुरू करे। उसके तहत कार्यवाही शुरू की गई है। 10 मार्च से पूर्व प्रभाग रचना अंतिम करने की प्रक्रिया चल रही थी। अकोला महानगरपालिका के चुनाव के मद्देनजर आयुक्त ने 1 फरवरी को चुनाव प्रभागों की सीमा दर्शानेवाली प्रारूप अधिसूचना शासन राजपत्र में प्रसिध्द की। इस तिथि से 14 फरवरी तक प्रारूप अधिसूचना पर आक्षेप व सूचनाएं मंगाई गई। 16 फरवरी को प्राप्त आक्षेप व सूचनाओं का विवरणपत्र राज्य चुनाव आयोग की ओर प्रस्तुत किया गया। जारी प्रारूप प्रभाग रचना को लेकर पार्षद तथा इच्छुकों की ओर से 87 आपत्तियां दर्ज की गई थी। इन आपत्तियों पर औरंगाबाद बिक्रीकर सह आयुक्त जी. श्रीकांत ने प्राधिकृत अधिकारी के तौर पर जिलाधिकारी कार्यालय में 22 फरवरी को सुनवाई ली। पश्चात सिफारिशों को 5 मार्च तक आयोग की ओर भेजा गया था, लेकिन राज्य सरकार के निर्णय से प्रक्रिया स्थगित हो गई थी। अब चुनाव आयोग ने उसी प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए पुरानी प्रभाग रचना को अंतिम मंजूरी प्रदान की है।

3 सदस्यीय पध्दति से 30 प्रभागों में चुनाव

महानगरपालिका के सन 2022 के चुनाव में 20 के बजाय 30 प्रभागों की रचना की गई है। 29 प्रभागों में 3-3 सदस्य रहेंगे, जबकि एक प्रभाग में 4 सदस्य रहेंगे। प्रभाग क्रमांक 30 में 4 सदस्य रखे गए है। वहीं इस बार 80 सदस्यों के बजाय 91 सदस्यों चुनाव किया जाएगा। अब प्रभाग रचना का चित्र स्पष्ट होते ही अपने चुनावी क्षेत्र में प्रचार के लिए इच्छुक व पूर्व पार्षद और सक्रिय हो जाएंगे। जानकारी अनुसार कइयों ने प्रचार रथ को आगे बढ़ा भी दिया है, क्योंकि चुनाव अचानक घोषित होने पर तैयारियों को पूरा समय नहीं मिल पाएगा।
 

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