विवादों को सुलझाने में सभी का सहयोग जरूरी, न्यायालय की नई इमारत का शिलान्यास
देवरी विवादों को सुलझाने में सभी का सहयोग जरूरी, न्यायालय की नई इमारत का शिलान्यास
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। विवादों को सूझबूझ के साथ सुलझाने सभी का सहयोग जरूरी है। विवादों के निपटारे न्यायालय की संख्या बढ़ाने की बजाय आपसी समझबूझ और सहयोग से कमी आ सकती है। सामाजिक स्तर पर मध्यस्थता से कठिनाई सुलझ पाएंगी। जिससे न्यायिक व्यवस्था सुलभ होने सभी घटकों को विचार करने की जरूरत है। यह बात मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुनील. बी. शुक्रे ने कहीं। देवरी में राष्ट्रीय महामार्ग पर स्थित बस स्टैंड के समीप रविवार को दीवानी व फौजदारी न्यायालय (क स्तर) की नई इमारत के शिलान्यास समारोह में अध्यक्षीय भाषण में कही। 2 हेक्टेयर भूमि में न्यायालय के अलावा न्यायाधीश निवास व कर्मचारियों के लिए इकोफ्रेंडली व वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से सुसज्जित 14 क्वार्टर्स बनाए जा रहे हैं। कार्यक्रम जिला व सत्र न्यायमूर्ति शब्बीर अहमद औटी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में जिला गोंदिया न्यायमूर्ति अविनाश जी. घरोटे, सेवानिवृत्त न्यायाधीश मुरलीधर जी. गिरटकर, विधायक सहसराम कोरोटे तथा देवरी, साकोली, आमगाव बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत स्कूली छात्राओं ने लेझिम नृत्य प्रस्तुति एवं स्वागत गीत गायन से किया। अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत देवरी बार एसोसिएशन ने किया। इस मौके पर अतिथियों ने देवरी के वरिष्ठ वकील व देवरी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एड. श्रावण उके व देवरी बार एसोसिएशन के पूर्व सदस्य, वर्तमान में सहायक धर्मदाय आयुक्त नागपुर संतोष कुर्वे का अतिथियों के हाथों सम्मान किया गया। प्रस्तावना देवरी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एड. प्रशांत संगीडवार ने रखी। आदिवासी बहुल और नक्सलग्रस्त देवरी तहसील में न्यायालय की आवश्यकता होने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन एड. भूषण मस्करे ने किया। आभार दीवानी व देवरी के न्यायाधीश एम डब्ल्यू.ए.एम.जे.शेख ने माना।