रेलवे स्टेशन में रोज रात भोजन के पैकेट लेकर पहुंंचती है युवाओं की टोली
रेलवे स्टेशन में रोज रात भोजन के पैकेट लेकर पहुंंचती है युवाओं की टोली
डिजिटल डेस्क, शहडोल। रेलवे स्टेशन पर रोजाना रात में 10 बजे युवाओं की टोली गरीब रिक्शा चलाने वालों और भिखारियों को खाना खिलाती है। पिछले करीब एक माह से यह सिलसिला चल रहा है। भोजन की व्यवस्था होटलों के सहयोग व स्वयं करते हैं। जन सहयोग से इसे और विस्तारित करने की योजना बना रहे हैं। शहर के युवा सचिन रोहरा ने बताया कि करीब एक माह पहले वह स्टेशन गए थे वे एक असहाय महिला उन्हें मिली। वह उनसे खाना खिलाने का आग्रह करने लगी। उन्होंने उसे वहां खाना खिलाया। उसी दिन से उनके मन में आया कि क्यों न स्टेशन में गरीब लोगों को खाना खिलाया जाए। इसके बाद उन्होंने अपने दोस्तों से बात की और साहस फाउंडेशन नाम से संस्था रजिस्टर्ड कराया। इसके बाद नियमित रूप से 30 से 40 गरीब लोगों को भोजन करा रहे हैं। ये लोग स्टेशन जाने से पहले शहर का एक चक्कर लगाते हैं। रास्ते में अगर कोई गरीब या भूखा मिलता है तो पहले उसे भोजन के पैकेज देते हैं। इसके बाद स्टेशन जाते हैं।
होटलों से मांगा सहयोग
संगठन में सचिन के साथ अंकिता मंगलानी, चेतन बजाज, हर्ष लहोरानी, आदित्य मिश्रा, स्वेता कुशवाहा और सिद्धार्थ गुप्ता जुड़े हैं। भोजन की व्यवस्था ये सभी अपने घरों से करते हैं। बाद में कुछ होटल वालों से संपर्क किया तो उन्होंने भी भोजन के पैकेट देने की सहमति दे दी। चार होटलों से भोजन के दो-दो पैकेट मिल जाते हैं। अन्य होटलों से उनकी बात चल रही है। इसके अलावा जिन घरों में कोई फंक्शन होता है वहां भी ये लोग जाते हैं और उनसे बचा हुआ भोजन गरीबों को देने की बात करते हैं।
हॉस्पिटल में शुरू कराएंगे व्यवस्था
संगठन के लोगों ने बताया कि उनकी योजना जिला चिकित्सालय में धर्मशाला में भोजन की व्यवस्था शुरू कराने की है, क्योंकि वहां काफी संख्या में रोजाना गरीब पहुंचते हैं। यहां करीब 100 से 200 लोगों का भोजन रोजना तैयार कराया जाएगा। इसकी शुरुआत वे अपने खर्च से करेंगे। बाद में अगर जनसहयोग मिलेगा तो इसे और विस्तृत रूप दिया जाएगा। इसके साथ ही हॉस्पिटल में गरीबों के इलाज में सहयोग की भी योजना है।
रविवार को सफाई का काम
युवा हर रविवार साफ-सफाई का काम भी करते हैं। पिछले तीन रविवार से चौपाटी से लेकर एमएलबी स्कूल तक सफाई अभियान चलाया है। इसके साथ ही वे दुकानदारों को जागरूक भी करते हैं कि दुकानों में डस्टबिन रखें और उसी में कचरा डालें। साहस फाउंडेशन के माध्यम से युवा शहर में स्वच्छता के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अपना योगदान देना चाहते हैं। उनका शहर के लोगोंं से यही कहना है कि अगर किसी के यहां खाना बचता है तो वे संगठन के लोगों को सूचित करें। वे उनके घर से खाना लेकर गरीब बस्तियों में पहुंचाएंगे।