कानून के प्रति आम नागरिको में जागरुकता पर दिया बल,कानून का आधार मानवता है
मार्गदर्शन कानून के प्रति आम नागरिको में जागरुकता पर दिया बल,कानून का आधार मानवता है
डिजिटल डेस्क, अकोला। हमारे संविधान में समान अवसर का आश्वासन दिया गया है। समाज के कल्याण के लिए कानून की आवश्यकता है। कानून हमारी संस्कृति का हिस्सा है। यदि हमारा व्यवहार उसके विपरीत है, तो समाज की भलाई के लिए कानून की आवश्यकता है। लिहाजा मानवता ही कानून का आधार है। यह प्रतिपादन मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती सुवर्णा केवले ने किया। मंगलवार को बोरगांव मंजू में आयोजित विधि जागरूकता शिविर का उद्घाटन करते हुए वे बोल रही थीं।
लाभ उनका अधिकार है
न्यायमूर्ति श्रीमती केवले ने अपने सम्बोधन में कहा कि लाभार्थियों को दिया जाने वाला लाभ उन पर एहसान नहीं बल्कि उनका अधिकार है, जो कि उन्हें दिया गया है। नागरिकों को अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीखना चाहिए। अपने कानूनी अधिकारों के बारे में नागरिकों को जागरूक होना आवश्यक है और वह सेवा कानूनी सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रदान की जा रही है। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि यह सेवा संविधान के मूल उद्देश्य को मजबूत करेगी।
नागपुर उच्च न्यायालय और अकोला जिला पालक न्यायमूर्ति अनिल किलोर, राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण और राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में ‘कानून को लेकर जन जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से नागरिकों का सशक्तिकरण" और ‘हक हमारा भी तो है" इस अभियान के तहत बोरगांव मंजू में परशुराम नाइक विद्यालय के सहयोग से कानूनी जागरूकता के लिए इस महाशिविर आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमती सुवर्णा के. केवले ने की, जिलाधिकारी नीमा अरोरा, जिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ कटियार, पुलिस अधीक्षक संदीप घुगे, बोरगांव मंजू की सरपंच श्रीमती अनीता खेड़कर प्रमुख रूप से उपस्थित रहीं। निवासी उपजिलाधिकारी प्रा.संजय खडसे, उपविभागीय अधिकारी डाॅ. नीलेश अपार, सहायक आयुक्त श्रम कल्याण राजू गुल्हाने, तहसीलदार सुनील पाटिल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव योगेश पैठणकर और अकोला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एड.चंद्रकांत वानखड़े भी उपस्थित थे। जिला बार एसोसिएशन के सभी सदस्य एवं सभी न्यायाधीश भी उपस्थित थे।
एक गांव एक सिपाही : एसपी घुगे
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रतिनिधिक स्वरूप में उनके लाभों का वितरण किया गया। अपने संबोधन में पुलिस अधीक्षक संदीप घुगे ने कहा कि पूरे जिले में कानून की जानकारी फैलाने के लिए एक गांव एक सिपाही की संकल्पना को जिले में लागू किया जाएगा। कलेक्टर नीमा अरोरा ने कहा कि नागरिकों को अपने अधिकारों और अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए और इस जानकारी का उपयोग अपने और समाज की बेहतरी के लिए करना चाहिए। अकोला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चंद्रकांत वानखड़े ने प्रास्ताविक किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव योगेश पैठणकर ने आभार व्यक्त किया। सिविल जज विलास खांडबहाले और मृणाली भराडे सूत्र संचालन किया। इस अवसर पर स्थापित विभिन्न योजनाओं और सेवा योजना की जानकारी देने वाले दालों पर नागरिकों ने भेंट देकर जानकारी ली। मान्यवरों ने भी सभी स्टाल्स को भेंट देकर जानकारी ली।