बिजली की ट्रिपिंग बनी मुसीबत , 46 गांव और कर्मचारी 6

बिजली की ट्रिपिंग बनी मुसीबत , 46 गांव और कर्मचारी 6

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-17 07:57 GMT
बिजली की ट्रिपिंग बनी मुसीबत , 46 गांव और कर्मचारी 6

डिजिटल डेस्क, शहडोल। मानसून पूर्व की बरसात लगभग शुरु हो चुकी है, लेकिन गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में लोगों को बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत पड़ रही है। विभाग के आंकड़े बता रहे हैं कि इस वर्ष 16 प्रतिशत बिजली अधिक खर्च हुई। लेकिन कर्मचारियों और संसाधनों की कमी विभाग के लिए सबसे बड़ा रोड़ा बने हुए हैं। संभागीय मुख्यालय से लगे विद्युत सब स्टेशन सिंहपुर की बात की जाए तो इसके अंतर्गत आने वाले 46 गांव और 13 हजार से अधिक विद्युत उपभोक्ताओं पर मात्र 6 नियमित लाइनमैन कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। आउट सोर्सिंग के रूप में 10 लोगों को रखा गया है, जो नियमित कर्मचारियों के साथ ही सेवा दे पाते हैं। इतने बड़े एरिया और हजारों कनेक्शनों में कहीं न कहीं फाल्ट आता रहता है, जिसे सुधारने में काफी समय जाया होता है। बरसात के दिनों में यह समस्या और बड़ी हो सकती है।

बढ़ी ट्रिपिंग की समस्या

सिंहपुर क्षेत्र में ट्रिपिंग की समस्या से ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीण इलाकों में इन दिनों दिन व रात को मिलाकर दर्जनों बार लाइट बंद होती है। जिसके कारण उन गांवों में पेयजल सप्लाई प्रभावित होती है, जहां नल-योजना के तहत स्थापित पानी की टंकियां नहीं भर पातीं। आंधी व बारिश के कारण पेड़ आदि गिरने से रोज कहीं न कहीं पोल तार टूट रहे हैं। 

केबिल व अन्य उपकरण खराब

सब स्टेशन के अंतर्गत अनेक ग्रामीण इलाकों में ट्रांसफार्मर से होकर सप्लाई लाइन को जोडऩे वाले केबिल गर्मी के कारण जल चुके हैं। ग्राम उधिया के मुख्य ट्रांसफार्मर के पास लगे डिस्ट्रीव्यूटर्स बाक्स का पता नहीं नहीं है। नंगी तारों से बरसात के दिनों में करंट फैलने का अंदेशा बढ़ गया है। कर्मचारियों के समय पर नहीं आने के कारण ग्रामीण ही फ्यूज आदि में सुधार करते हैं, जिससे खतरा हो सकता है।

विद्युत विभाग ने बनाया आपदा प्रबंधन केंद्र

वर्तमान में आंधी, तूफान व बारिश में आने वाले फाल्ट सहित अन्य प्रकार की समस्याओं को दूर करने के लिए पावर हाउस शहडोल में आपदा प्रबंधन केंद्र बनाया गया है। उपकेंद्र में शाम 4 बजे से रात्रि 12 बजे तक प्रतिदिन सहायक अभियंता कनिष्ठ अभियंता मौजूद रहेंगे। जिले में किसी भी आपात स्थिति आने पर दूरभाष नंबर 245165 या टोल फ्री नंबर 1912 पर उपभोक्ता शिकायत दर्ज करा सकेंगे।

इनका कहना है

विभाग में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश स्तर से प्रयास हो रहे हैं। पुराने स्टुमेंट आदि को बदलने का कार्य पहले शहरी इलाकों में हो रहे हैं इसके बाद ग्रामीण इलाकों में काम होगा। ट्रिपिंग व अन्य फाल्ट को रोकने के लिए विभाग सजग है। जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन केंद्र भी बनाया गया है। आरके स्थापक, अधीक्षण अभियंता, एमपीईबी
 

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