धरती ने हमारी ज़रूरत की सभी चीजें हमारे आसपास दी हैं - श्री पालीवाल
ज़मीन के कटाव को रोकने एन एस एस स्वयंसेवकों ने बनायी मेड़ धरती ने हमारी ज़रूरत की सभी चीजें हमारे आसपास दी हैं - श्री पालीवाल
डिजिटल डेस्क, भोपाल। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा अपने ही भौतिक विज्ञान विभाग तथा विज्ञान संचार केंद्र के साथ मिलकर शहर से दूर स्थित आदिवासी ग्राम चार मंडली के गांधी ग्राम सेवा केंद्र पर अनेक गतिविधियों का आयोजन किया। पृथ्वी को संवारने के उद्देश्य से यूथ लीडर गुड्डू कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा गांधी ग्राम सेवा केंद्र के खेतों में मेड़ बनाई गई ताकि बारिश के पानी से खेत की मिट्टी के कटाव को रोका जा सके। साथ ही मेड़ बनाने से खेत का पानी खेत में ही समाकर भूगर्भ जलस्तर को भी बढ़ाएगा। इसके अलावा भौतिक विज्ञान विभाग तथा विज्ञान संचार केंद्र के सहयोग से स्वयंसेविका विधि पटेल के नेतृत्व में चार मंडली गांव में विभिन्न स्थानों पर पीपल, नीम, आम, अमरूद इत्यादि छायादार और फलदार पौधों का भी रोपण किया गया।
भीषण गर्मी में पंछियों को पानी की कमी से अपनी जान से हाथ न धोना पड़े इसके लिए भी गांव तथा केंद्र में जहां पंछियों की आवाजाही अधिक होती है उन स्थानों पर दल नायिका चित्रांशी मीना के नेतृत्व में उनके लिए पानी के सकोरे रखे गए, इतना ही नहीं स्वयंसेवकों द्वारा पेड़ों पर चढ़ चढ़कर भी सकोरे बांधे गए।
इस अवसर पर मुख्य उपस्थिति भूतपूर्व प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त म.प्र. एवं छत्तीसगढ़ श्री आर के पालीवाल ने पृथ्वी तथा प्रकृति से छेड़छाड़ के नुकसान बताते हुए इसके संसाधनों को सहेजने का युवाओं से आह्वान किया। श्री पालीवाल ने कहा कि प्रकृति ने हमारी ज़रूरत की सभी चीजें हमारे आसपास ही दी हैं। अगर हम हमारी आवश्यकता के अनुसार उन चीजों को ग्रहण करते हुए उनका संरक्षण भी करते हैं तो हमें कभी भी डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। प्रकृति से निकटता हमें सभी तरह की बीमारियों से बचाती है। जानवरों के स्वस्थ रहने का भी मुख्य कारण प्रकृति से निकटता और प्राकृतिक भोजन ही है। हमें हमारी धरती को बचाने के लिए नेचर से जीवन जीना सीखना चाहिए।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह ने कहा कि धरती को अगर आज से सौ साल पहले की तरह तमाम तरह के ख़तरों से मुक्त करना है तो हमें पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखने के प्रयास करने होंगे। इसके लिए हमें जल संरक्षण और पौधरोपण के साथ ही विभिन्न पशु-पक्षियों की भी सुरक्षा के कार्य करने चाहिए। इसके लिए युवाओं के साथ ही विभिन्न सेवाओं से रिटायर्ड लोगों को आगे आना होगा।
वहीं विज्ञान संचार केंद्र के समन्वयक श्री प्रबल रॉय ने कहा कि हम हमारे जल जंगल और ज़मीन को बचाकर ही हमारी पृथ्वी को बचा सकते हैं अगर हमने इन्हें नहीं बचाया तो पृथ्वी भी नहीं बचेगी। इस अवसर पर भौतिक विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ ज्योति रावत ने विज्ञान के सही उपयोग से धरती को कैसे बचाया जा सकता है यह स्वयंसेवकों को बताया। इस अवसर पर छात्रा इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डॉ रेखा गुप्ता ने भी स्वयंसेवकों को संबोधित किया। गतिविधियों में मुख्य भूमिका स्वयंसेवक रवि नायक, स्टेट केंपर जन्नत खान, अमन मीना, रजनीश वर्मा, प्रिंस कुमार ठाकुर, ज़िकरा खान, ज्योति जाटव, मोना लोधी, यूथ लीडर शबनम कुमारी, अविनाश कुमार, अजीत कुमार, मोनिका वर्मा, विजय कुमार, हर्ष कीर, इत्यादि की रही।