निराधार परिवारों के लिए बढ़ाया मदद का हाथ

जिला प्रशासन ने की सहायता निराधार परिवारों के लिए बढ़ाया मदद का हाथ

Bhaskar Hindi
Update: 2021-11-01 12:58 GMT
निराधार परिवारों के लिए बढ़ाया मदद का हाथ

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। कोरोना व लॉकडाउन की वजह से निर्माण हुए हालातों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त जिलाधीश राजेश खवले ने जिले के निराधार परिवारों से व्यक्तिगत भेंट करके उन्हें सांत्वना देकर मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। इस सेवाभावी उपक्रम के माध्यम से जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारियों ने प्रशासन जनसेवा के लिए है। इसका अनुभव पीिड़तों को कराया है। इस दौरान आमगांव के गरीब, जरूरतमंद परिवार में कमानेवाले व्यक्ति की मृत्यु होने की जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारियों ने तत्काल संबंधित परिवारों से भेंट कर उन्हें माहभर का राशन पहुंचाया। इस तरह अनेक परिवारों के लिए प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी आधार साबित होने लगे है। गौरतलब है कि कोरोना काल में लागू लॉकडाउन की वजह से अनेक व्यवसाय ठप पड़ गए है, तो कई लोगों का राेजगार छीन गया हैं। ऐसे हालातों में आर्थिक संकट से जूझ रहे परिवारों के लिए दो समय के भोजन का प्रबंध करना कठिन हो गया था। वहीं दूसरी ओर संक्रमण की चपेट में आने से अनेक परिवार निराधार हो गए। इस दौरान निर्मित हालातों को ध्यान में रखकर अतिरिक्त जिलाधीश खवले ने जिले के निराधार परिवारों से भेंट करने का सिलसिला शुरू किया और सामाजिकता का अभिनव उपक्रम आज जिले के अनेक परिवारों के लिए आधार साबित होने लगा है। 

प्रशासन का सेवाभावी चेहरा 

इस उपक्रम के माध्यम से जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारियों ने प्रशासन जनसेवा के लिए है। इसका अनुभव पीिड़तों को करा दिया। इसी में शासन से क्रियान्वित की जाने वाली योजना का लाभ उन परिवारों तक तत्परता से पहुंचाने का काम किया गया। इसमें विशेषकर आमगांव तहसील के मोहारे, गोरेगांव तहसील के मरस्कोल्हे, घारपींडे, गोंदिया स्थित राठोड़, मडावी इन परिवारों को मदद पहुंचाई गई। इस तरह जिस परिवार ने प्रमुख व्यक्ति गंवा दिया और उनके समक्ष जीवन निर्वाह सहित अबोध बालकों के पालन-पाेषण का प्रश्न निर्माण होने की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन द्वारा अधिकारी-कर्मचारी उन परिवारों तक पहुंचने का काम कर रहे हंै। इसी क्रम में निराधार परिवार को माह भर का राशन व जीवनावश्यक सामग्री तथा सह्याद्री फाउंडेशन व महिला आर्थिक विकास महामंडल ने संयुक्त रूप से 30 हजार रुपए की मदद की गई। 

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