हरे-भरे खेतों की ठंडक नागरिकों को दे रही लू की गर्म लपटों से राहत

गोंदिया  हरे-भरे खेतों की ठंडक नागरिकों को दे रही लू की गर्म लपटों से राहत

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-16 12:23 GMT
हरे-भरे खेतों की ठंडक नागरिकों को दे रही लू की गर्म लपटों से राहत

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिले में इन दिनों गर्मी के कारण दोपहर होते ही गर्म लपटें नागरिकों को झुलसाने लगी हैं। दोपहर में सड़कों पर सन्नाटा छाया रहता है। गर्मी का अभी से यह हाल है तो मई, जून में क्या होगा? यह सोचकर लोग परेशान हो गए हैं। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों से गुजरते समय अनेक स्थानों पर हरे-भरे खेतों में किसानों के साथ ही सड़क से गुजरने वालों को भी कुछ देर के लिए राहत मिल जाती है। गोंदिया जिले में जहां सिंचाई प्रकल्पों के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है, अथवा जिन किसानों के पास स्वयं के सिंचाई के संसाधन है वे ग्रीष्मकालीन धान की फसल अपने खेतों में लगाते हैं। जो फसल खरीफ मौसम शुरू होने से पहले किसानों के घरों में आ जाती है। इससे उन्हें अतिरिक्त आय का एक साधन उपलब्ध हो जाता है। 

इस वर्ष सारे जिले में मिलाकर कुल 34 हजार 814 हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन धान की फसल का नियोजन किया गया था। लेकिन प्रत्यक्ष में 35 हजार 885 हेक्टेयर क्षेत्र मंे धान की फसल लगाई गई है। रोपाई का कार्य मार्च के शुरुआती सप्ताह में ही खत्म हो चुका है एवं अब किसानों के खेतों में पनपते हुए धान के पौधों से चारों ओर हरियाली फैली है। जो राह चलते राहगीरों को भी सुकून प्रदान करते हैं। किसानों का कहना है कि फिलहाल फसल अच्छी नजर आ रही है। तहसीलवार प्राप्त जानकारी के अनुसार इस वर्ष गोंदिया तहसील में 4560, गोरेगांव में 3251, तिरोड़ा में 2435, अर्जुनी मोरगांव में 5634, देवरी में 3581, आमगांव में 5231, सड़क अर्जुनी में 6906 एवं सालेकसा तहसील में 4287 हेक्टेयर क्षेत्र में ग्रीष्मकालीन धान की रोपाई की गई है। चूंकि धान की फसल को पानी की अधिक आवश्यकता होती है इसीलिए खेतों में पानी भरकर रखा जाता है।

अधिकतर सड़क किनारे खेतों में यह फसल वर्तमान में लगी हुई है। जिससे सड़क से गुजरने वाले राहगीरों एवं वाहनचालकों को भी इन खेतों के पास से गुजरते समय ठंडी हवा के झोंकों का आभास होता है। ग्रीष्मकालीन धान की फसल जून माह किसानों के हाथों में पहुंचती है। जिसे बेचकर वे अपना रोजमर्रा का खर्च निकालने के बाद खरीफ फसल की तैयारियों में भी बिक्री से मिली राशि का उपयोग करते हंै। 

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