बारिश में फिर टूटा भामरागढ़ का संपर्क, बारिश में बदहाल हुई स्थिति
बारिश में फिर टूटा भामरागढ़ का संपर्क, बारिश में बदहाल हुई स्थिति
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आदिवासियों के नाम पर करोड़ रुपए खर्च करने का ढिंढोरा पीटा जाता है वास्तव में गड़चिरोली जिले के पिछड़े क्षेत्र अब तक विकास से कोसों दूर है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बारिश के मौसम में पर्लकोटा नदी ने रौद्र रूप धारण किया है, जिससे भामरागढ़ तहसील के अनेक गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। तहसील में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण क्षेत्र का जनजीवन अस्त व्यस्त हुआ है। उल्लेखनीय है कि, आलापल्ली-भामरागढ़ मार्ग पर स्थित पर्लकोटा नदी में हर वर्ष बारिश के मौसम में बाढ़ के कारण क्षेत्र में स्थिति गंभीर हो जाती है। यह मार्ग 4 से 5 दिनों तक बंद हो जाता है, और समूचे भामरागढ़ तहसील का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है। विगत अनेक वर्षों सेे अनेक सरकारें आयी, और गई लेकिन भामरागढ़ के विकास की ओर ध्यान देने की कोई जहमत नहीं उठा रहा है।
करोड़ों की निधि पर उठ रहे सवाल
बता दें कि, विगत कुछ वर्ष पूर्व राज्यपाल पी.सी अलेकजेंडर द्वारा दत्तक लिए गए भामरागढ़ तहसील का विकास अब तक नहीं हो पाया है, और ना ही भामरागढ़ तहसील को विकास की मुख्य धारा में लाने के लिए कोई ठोस उपाययोजना होती दिखाई दे रही है। इस कारण हर वर्ष भामरागढ़ तहसील के नागरिकों को बारिश के मौसम में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पहले ही भामरागढ़ तहसील में विभिन्न समस्याओं का अंबार लगा है। जैसे शुद्ध पानी, बिजली, सड़कें, स्वास्थ्य आदि बुनियादी सुविधाओं के लिए अभी भी ग्रामीण तरस रहे हैं। वहीं भामरागढ़ तहसील के आलापल्ली-भामरागढ़ मार्ग पर स्थित पर्लकोटा नदी पर अनेक वर्ष पूर्व एक पुलिया निर्माण किया गया था।
इस पुलिया की ऊंचाई कम होने के कारण हर वर्ष यह पुलिया पर्लकोटा की अशांत धाराओं का सामना करता चूर-चूर हो रहा है। हर वर्ष बाढ़ के कारण यह पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो रहा है। और हर वर्ष बारिश के मौसम में बाढ़ के कारण यह मार्ग 4 से 5 दिनों से बंद हो जाता है, जिससे समूचे भामरागढ़ तहसील का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है।समस्या को लेकर तहसीलवासियों ने अनेक मर्तबा प्रशासन से इस पुलिया की ऊंचाई बढ़ाने की मांग की, परंतु अभी तक इस ओर प्रशासन या जनप्रतिनिधियों ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया है। है केंद्र सरकार व राज्य सरकार की ओर से आदिवासी क्षेत्र के नाम से गड़चिरोली जिले को करोड़ों रुपयों का निधि देती है लेकिन अब तक क्षेत्र का विकास नहीं होना कई संदेह पैदा करता है।