गोरेगांव तहसील के अनेक इलाकों में पानी के लिए तरस रहे नागरिक

गोंदिया गोरेगांव तहसील के अनेक इलाकों में पानी के लिए तरस रहे नागरिक

Bhaskar Hindi
Update: 2022-04-08 12:28 GMT
गोरेगांव तहसील के अनेक इलाकों में पानी के लिए तरस रहे नागरिक

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। प्रशासन के नियोजन के अभाव में गोरेगांव नगरवासी इन दिनों बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। पुनर्वसित श्रीरामपुर बस्ती व हलबीटोला में जलापूर्ति की पाइपलाइन नहीं होने के कारण प्रभागवासियों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। जलस्तर से कम कुंए व हैंडपंपों के भरोसे पर ही नगरवासियों की प्यास बुझायी जा रही है। बता दें कि गोरेगांव तहसील के कलपाथरी मध्यम प्रकल्प में तहसील के सोनारटोला, भगतटोला, आकाटोला ग्रामवासियों की खेती व मकानों की जमीन संपादित की गयी है। जिस कारण लगभग 130 परिवार बेघर हो गए। प्रशासन ने इन तीन ग्रामों के प्रकल्पग्रस्तों को गोरेगांव नगर पंचायत की सीमा में श्रीरामपुर पुनर्वसित बस्ती बनाकर उन्हें मकान उपलब्ध करवाए। लेकिन प्रशासन इन पुनर्वसित नागरिकों के लिए जलापूर्ति योजना की पाइपलाइन या जलापूर्ति योजना का नियोजन करना ही भूल गयी। पीने के पानी के लिए बोरवेल और कुंओं का निर्माण किया गया है। लेकिन ग्रीष्मकाल लगते ही हैंडपंप व कुंओं का जलस्तर कम हो जाता है। हैंडपंपों से पानी की बजाए हवा निकल रही है, तो सार्वजनिक कुओं से दूषित जल मिल रहा है। ऐसे में पुनर्वसितवासियों का स्वास्थ्य खतरे में आ जाता है। इसी प्रकार गोरेगांव नगर पंचायत की सीमा में बसी हलबीटोला बस्ती की भी ऐसी ही अवस्था है। हलबीटोला प्रभाग से मजिप्रा की जलापूर्ति की पाइपलाइन बिछायी गयी है। लेकिन नल कनेक्शन नहीं दिया गया है। जिस कारण हलबीटोला प्रभागवासियों को भी बूंद-बूंद के लिए तरसना पड़ रहा है। गोरेगांव नगर पंचायत की ओर से पांच वर्षो में करोड़ों रुपए के विकासकार्य किए गए है। लेकिन जलापूर्ति की योजना के काम को सफलता नहीं मिल रही है। जिससे यह भी कहा जा रहा है कि करोडों रुपए के विकासकार्यों पर पानी की समस्या ने पानी फेर दिया है। 

टैंकरों से की जाएगी जलापूर्ति 

भारत नंदनवार, मुख्याधिकारी, नगर पंचायत के मुताबिक हलबीटोला व पुनर्वसित श्रीरामपुर बस्ती में जल की किल्लत निर्माण हुई है। जिसे देखते हुए जल्द ही टैंकरों से जलापूर्ति की जायेेंगी। वहीं नगर पंचायतवासियों के लिए नई जलापूर्ति योजना का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। मंजूरी मिलते ही जलापूर्ति योजना का काम शुरू किया जाएगा।

 

 

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